रांची: बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहली बार कोलकाता रेप कांड पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में बहनों और बेटियों के साथ इस तरह की बर्बरता नहीं होने दी जा सकती। कोलकाता में छात्र, डॉक्टर और नागरिक प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं पर दुख जताते हुए कहा कि हर चीज की हद होती है। उन्होंने दिल्ली रेप कांड को याद करते हुए कहा कि ‘निर्भया गैंगरेप की घटना हुए 12 साल बीत चुके हैं। अनगिनत रेप की घटनाओं को हमारे समाज ने भुला दिया है। एक सभ्य समाज के तौर पर हमारी यह सामूहिक विस्मृति चिंता की बात है।’
आगे उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों से हम सभी को मिलकर निपटना होगा। यह जरूरी है कि हम आत्मचिंतन करें और बिना किसी पक्षपात के इस पर बात हो। कुछ कठिन सवालों के जवाब तलाशने होंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि अकसर ‘विकृत मानसिकता’ महिला को कमतर इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखती है। वहीं उन्होंने कोलकाता की घटना पर कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि जब डॉक्टर, स्टूडेंट और नागरिक प्रदर्शन कर रहे हैं तो उस दौरान भी अपराधी किसी और घटना को अंजाम देने के लिए घात लगाए हुए हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लेना होगा। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि निर्भया मामले के बाद 12 वर्षों में बलात्कार की अनगिनत घटनाओं को समाज भूल चुका है। यह ‘सामूहिक रूप से भूलने की बीमारी’ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक स्मृतिलोप का सहारा लेते हैं। अब भारत के लिए इतिहास का सामना करने का समय आ गया है। कोलकाता कांड को लेकर राष्ट्रपति ने महिलाओं के लिए दुख जताया है । जिस समाज की महिला मुख्यमंत्री और महिला राष्ट्रपति हो उस समाज में एक महिला की निर्ममता से रेप व हत्या कर दी जाय ये विचारणीय है। बताते चलें कोलकाता रेप कांड को लेकर भाजपा ने बंगाल में बंद का आह्वान किया है।