जामताड़ा: झारखंड चुनाव की घोषणा के साथ ही दल बदल और निर्दलीय की राजनीति शुरू हो चुकी है। और इसी के साथ शुरू हो चुका है रूठों को मनाने का दौर। जी हां कुछ दिन पूर्व ही भाजपा से बगावत कर मुनचुन राय ने निर्दलीय लड़ने की घोषणा की और बाद में अपना नामांकन वापस ले कर भाजपा में पहले की तरह ही जुड गए इसी प्रकार पोटका से मोनिका सरदार को भी पार्टी के आला नेताओं ने मना कर घरवापसी करवाई और अब बीजेपी के बागी नेता वीरेंद्र मंडल को मनाने में बीजेपी जुट गयी है। बता दें पार्टी से टिकट न मिलने पर नाला विधान सभा से वीरेंद्र निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
वहीं उनके नाला से चुनाव लड़ने से बीजेपी प्रत्याशी को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसे लेकर पार्टी अपने कार्यकर्ता व नेताओं को मना कर बीजेपी से बांधे जाने के लिए प्रयासरत है। इसे लेकर झारखंउ चुनसव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा वीरेंद्र मंडल से मिलने भी पहुंचं अज्ञैर मीउिया मित्रों से बताचीत में उन्होंने कहा कि वीरेंद्र मंडल एक बड़े नेता हैं। जो भी कारण हो उन्होंने नाला से निर्दलीय नामांकन किया था। वो नामांकन वापस लेंगे। पार्टी के लिए काम भी करेंगे और पार्टी उनको उचित सम्मान देगी। पूरे जामताड़ा में हमारे समाज को सुरक्षित करने के लिए वीरेंद्र मंडल हमेशा दिन रात काम करते हैं। वीरेंद्र मंडल को हमें शक्ति देना होगा। हम वीरेंद्र मंडल के साथ खड़े रहेंगे। बता दें बीजेपी पुरी मजबूजी के साथ सुनियोजित तरीके से चुनाव में उतरना चाहती है। 2019 के चुनाव में बीजेपी में इसी तरह का विवाद उत्पन्न हुआ था और रधुवर दास व सरयू राय के बीज जमशेदपुर पूर्व की सीट को लेकर हुई खींचतान के बाद सरयू का निर्दलीय चुनाव लड़कर रघुवर दास को हराना एक उदाहरण बन गया है। बीजेपी 2019 की गलती को नहीं दुहराना चाहेगी इसलिए अपने साथियों को मानाने और प्रसन्न रखने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।