पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के भाटिन गांव में बीते तीन दिनों से झुंड से बिछुड़े नर हाथी की 11 हजार वोल्ट के बिजली के तार की चपेट में आने से मौत हो गयी। हाथी की मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीणों का हुजूम घटनास्थल पर उमड़ पड़ा। ग्रामीण इस दौरान मायूस नजर आए और पारंपरिक विधि- विधान से गजराज के शरीर पर श्रद्धा- सुमन अर्पित किया। ग्रामीण इसके पीछे बिजली विभाग की लापरवाही बता रहे हैं।
ग्रामीणों ने वन विभाग को भी ठहराया जिम्मेदार
ग्रामीणों का कहना है कि गजराज के क्षेत्र में भ्रमण की सूचना बिजली विभाग को दी गई थी। बावजूद इसके बिजली विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई और क्षेत्र का लाइन नहीं काटा, जिससे यह हादसा हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। बताया कि पिछले 3 दिनों से क्षेत्र में हाथी भटक रहा था। समय रहते यदि वन विभाग हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा जाता तो यह नौबत नहीं आती। उधर मामले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई है। फिलहाल मृत हाथी के पोस्टमार्टम की तैयारी चल रही है। वहीं हाथी के मौत से क्षेत्र के लोग मायूस नजर आए। ऐसे में यह सवाल उठता है कि ग्रामीणों द्वारा बिजली विभाग को सूचना देने के बाद भी आखिर गंभीर क्यों नहीं हुई।
इन जगहों पर था हाथियों के दल का डेरा
हाथी का दल छत्तीसगढ़ से झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा वन क्षेत्र में पहुंचा था। पिछले तीन दिनों से यह दल जादूगोड़ा के भाटिन, रोआम, मेचुआ समेत आसपास के जंगल क्षेत्र व खेतों में भोजन की तलाश में भटक रहा है। तीन दिनों से यह दल जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के भाटीन पंचायत अंतर्गत मेंचुआ, जाहिरा घूटू, भाटीन गांव के समक्ष डेरा जमाए हुए था।