झारखंड में पहली बार विधानसभा का सत्र एक साल में पांच बार आयोजित किया जायेगा। फरवरी 2022 में पंचम विधानसभा का आठवां सत्र (बजट सत्र) इस साल का पहला विधानसभा सत्र था। इसके बाद 29 जुलाई से 5 अगस्त तक मॉनसून सत्र बुलाया गया। तीसरी बार 5 सितंबर को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसमें हेमंत सरकार ने बहुमत साबित किया। इसे मॉनसून सत्र का विस्तारित सत्र कहा गया। अब चौथी बार स्थानीयता विधेयक को पारित करने के लिए 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया गया है। इसके बाद इसी साल दिसंबर तक सरकार पांचवीं बार शीतकालीन सत्र भी बुलायेगी।
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बिना नेता प्रतिपक्ष के चलेगा 10वां सत्र
झारखंड के पंचम विधानसभा का 10वां सत्र भी बिना नेता प्रतिपक्ष के चलेगा। सदन में इस बार भी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली रहेगी। भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को अपना नेता प्रतिपक्ष चुना है, लेकिन विधानसभा ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दी है। दलबदल के तहत उनका मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबित है। सत्ता पक्ष का कहना है कि भाजपा के पास दर्जनों नेता हैं। पार्टी उनका नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे क्यों नहीं कर रही है। भाजपा अपनी जिद्द छोड़कर दूसरे नेता का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे करे। वहीं भाजपा बाबूलाल को ही नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग पर अडिग है। उसका कहना है कि सरकार बाबूलाल से डरती है, इसलिए बाबूलाल को किसी हालत में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनने देना चाहती है।