भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मीडिया को संबोधित किया। और हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार अपने कार्यकाल में सिर्फ वादाखिलाफी की है। सत्ता में आने से पहले पांच लाख नौकरियां देने की बात की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद भूल गए, जिसके कारण झारखंड के युवाओं में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के कारनामों के कारण यहां के लोग सरकार से काफी नाराज हैं। इसी नाराजगी को और आक्रोश को दबाने और लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए हेमंत सरकार सरकार रोज-रोज नई-नई लोकलुभावन घोषणाएं कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने 32 की खतियान और आरक्षण नीति की घोषणा भी की।
1400-1500 करोड़ की अवैध खनन की बात आई सामने
वही हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवार और अपने नजदीकी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हेमंत सरकार के संरक्षण में पिछले ढाई साल से झारखंड के जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा की जमकर लूट हुई है। इसका ताजा उदाहरण साहिबगंज जैसा एक पिछड़ा जिला है। इस जिले से ही ईडी की जांच में लगभग 1400-1500 करोड़ की अवैध खनन की बात सामने आई है। इस उत्खनन में मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि का नाम सबसे आगे है।
सरकार यहां के लोगों को धोखा दे रही है
पूर्व सीएम ने मार्च में हुए बजट के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 1932 खतियान पर दिए गए उस बयान को सुनाया, जिसमें सीएम ने कहा था कि आप किसी भी कानून के जानकार से पूछ लीजिए 1932 के खतियान पर नियोजन नीति नहीं बनाई जा सकती है। इस पर रघुवर दास ने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय ताकि बात करना सही नहीं है। उन्होंने उच्च न्यायालय के केस में आए के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि अचानक स्थानीयता को परिभाषित करने के लिए विस्तार से बात कही गई है। ऐसे में 1932 की बात यहां की जनता को केवल ठगने के लिए 1932 के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। वहीं स्थानीय नीति के मुद्दे पर लोगों को उलझाने का आरोप भी रघुवर दास ने लगाया और कहा कि सरकार यहां के लोगों को धोखा दे रही है।