झारखंड में सिख दंगा पीड़ितों के आपराधिक मामलों की प्रगति रिपोर्ट अब तक राज्य सरकार द्वारा पेश नहीं की गई है। मामले में करीब 350 केस दर्ज हैं लेकिन इसकी रिपोर्ट सरकार ने कोर्ट को नहीं सबमिट की है। इससे नाराज हाई कोर्ट ने अब गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को हाजिर होने का निर्देश दिया है। सतनाम सिंह गंभीर द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई में हाई कोर्ट ने यह निर्देश दिया है। अदालत की ओर से दोनों अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से पेश होने का निर्देश दिया गया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत कर रही है।
19 दिसंबर को होना है हाजिर
दरअसल, मंगलवार, 12 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से पूछा गया कि अब तक मुआवजा का भुगतान क्यों नहीं हुआ। मामले में करीब 350 केस दर्ज हैं, उसकी क्या स्थिति है। इसकी जानकारी सरकार ने क्यों नहीं दी है। इस मामले में अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि रांची, रामगढ़, पलामू और हजारीबाग में पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है। बोकारो जिला में मुआवजा भुगतान के लिए 1.20 करोड़ की अतिरिक्त राशि स्वीकृत कर ली गई है। जल्द ही राशि जारी कर दी जाएगी।
लेकिन पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी थी, जो राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसी कारण अदालत ने गृह सचिव और डीजीपी को 19 दिसंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है।