झारखंड में इन दिनों बच्चा चोर का अफवाह जोरों पर है। अफवाह ये कि बच्चा चोर आएगा, बच्चे को लेकर चला जाएगा। इस अफवाह की वजह से झुंड बनाकर लोग किसी कर्मचारी, किसी भीख मांगने वाले, किसी बुजुर्ग, किसी मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को बच्चा चोर समझकर बुरी तरह पीट रहे हैं। दरअसल ताजा मामला राजधानी रांची के रातू थाना इलाके का है, जहां दवा बेचने आए तीन बंजारन महिलाओं को ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया। ग्रामीणों ने तीनों महिलाओं को पकड़कर पहले पूछताछ शुरू की।
ग्रामीणों ने तीनों को छोड़ दिया है
हालांकि सबसे अच्छी बात यह रही कि पूछताछ में सही जवाब ना देने पर ग्रामीणों ने किसी की पिटाई नहीं की, क्योंकि ऐसे मामलों में भीड़ सीधे कानून को अपने हाथ में ले लेती है। वहीं ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को बुलाया। पुलिस और ग्रामीणों ने तीनों महिलाओं से पूछताछ कर उसके सामानों की तलाशी ली। तब जाकर पुष्टि हुई तीनों महिलाएं गांव में दवा बेचने के लिए आई थी और वह बंजारन महिलाएं थीं। दवा बेचने का काम करती हैं। गलतफहमी में पकड़ी गयी थी। ग्रामीणों ने तीनों को छोड़ दिया है।
जनता अफवाहों से सतर्क रहे
हर तरह की पुलिस कह रही है कि कोई बच्चा चोर नहीं है, जनता अफवाहों से सतर्क रहे। जानकारी सामने आई है कि बच्चा चोरी के जितने केस वाकई दर्ज हुए हैं। उससे कहीं ज्यादा बच्चा चोरी के नाम पर अफवाहों के केस सामने आ रहे हैं। इसकी वजह है आंखें बंद करके भरोसा कर लेने वाली बीमारी।