झारखंड इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है, तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। लू के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने पलामू, गढ़वा, सरायकेला, खरसांवा, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।
मानसून के आगमन में भी देरी हो रही है। 13 जून को रांची पहुंचने का अनुमान था, लेकिन अब 18 जून को ही राजधानी में दस्तक देने की उम्मीद है। इस देरी के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिलने में देरी हो रही है। पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र कमजोर होने के कारण भी मानसून में देरी हो रही है। फिलहाल, मानसून सिलीगुड़ी-दार्जीलिंग में अटका हुआ है। 16 जून से संताल परगना में रुक-रुककर बारिश हो सकती है, जबकि रांची और आसपास के इलाकों में 20-22 जून तक मानसून के पहुंचने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, 16 जून से झारखंड में रुक-रुककर बारिश हो सकती है। 18 जून को संताल परगना के रास्ते झारखंड में मानसून के प्रवेश की उम्मीद है। 20-22 जून तक रांची और आसपास के इलाकों में भी बारिश शुरू होने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 15 जुलाई से पूरे झारखंड में मानसून सक्रिय होगा और भारी बारिश होने की संभावना है। इस बार औसत से अधिक बारिश होने की भी उम्मीद है।
भीषण गर्मी का प्रभाव:
- लोगों का स्वास्थ्य: अत्यधिक गर्मी के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और थकान जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
- दैनिक जीवन में बाधा: गर्मी के कारण लोगों का दैनिक जीवन बाधित हो रहा है। लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं, जिससे व्यापार-व्यवसाय पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
- कृषि पर प्रभाव: गर्मी के कारण फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। धान, मक्का और दाल जैसी फसलों की पैदावार कम होने की आशंका है।