रांची: खनन पट्टों की समीक्षा करने की तय समय-सीमा समाप्त होने के बाद अब तक आदेश का अनुपालन नही किए जाने को लेकर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में निबंधन आइजी आदित्य कुमार आनंद ने सभी जिलों को फिर से पत्र लिखा है और विगत वर्षो में निबंधित खनन पट्टों पर भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1889 के शेड्यूल-1 ए की कंडिका 35 के अंतर्गत चार प्रतिशत मुद्रांक शुल्क एवं झारखंड निबंधन नियमावली 2011 के अंतर्गत टेबल ऑफ फी के अनुसार 3 प्रतशित निबंधन शुल्क की वसूली की समीक्षा करने को कहा है। वहीं अवशेष मुद्रांक शुल्क एवं निबंधन शुल्क की वसूली के लिए यथोचित कार्रवाई का निर्देश दिया है। बता दें निबंधन विभाग ने एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन भी मांगा है। बता दें कि विभाग ने पहले ही एक प्रारूप तैयार कर जिलों को भेजा था और इस पर सचिव की भी सहमति दी गयी है। इधर राजस्व वसूली को लेकर सरकार ने विभागों को कड़े निर्देश दिए हैं, इसी आलोक में खनन पट्टों के लिए दी गयी जमीन के निबंधन व मुद्रांक शुल्क की समीक्षा की जा रही है, बकाया वसूली कराने का निर्देश सभी जिलों को दिया है। महालेखाकार ने भी इस पर आपति जतायी थी की नियमानुसार वसूली नहीं होने से करोड़ों राजस्व का नुकसान हो रहा है। बता दें राज्य सरकार के निर्देश के बाद भी राज्य के अधिकांश जिलों के उपायुक्तों ने खनन पट्टों की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है और न ही बकाया निबंधन शुल्क व मुद्रांक शुल्क की वसूली प्रारंभ की गयी है।