देश में लोकसभा आम चुनाव 2024 का 4 जून को रिजल्ट आने वाला है। मतगणना के बाद विधिवत 18वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। लोकसभा चुनाव के परिणाम का असर जहां भारतीय राजनीति के फलक पर पड़ना तय है। वहीं, झारखंड की राजनीति पर भी इसका व्यापक असर पड़ेगा। इसकी खास वजह यह है कि इस साल ही नवंबर-दिसंबर में झारखंड विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे पर ही अलग-अलग गठबंधनों की गांठ कमजोर या मजबूत होना निर्भर करेगा।
झारखंड के वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद न सिर्फ विधायकों, जिलाध्यक्षों पर गाज गिर सकती है, बल्कि प्रदेश के कप्तान पर भी गाज गिरने से इंकार नहीं किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के लिए बहुत संभव है कि राज्य में महागठबंधन के वर्तमान स्वरूप में भी बदलाव दिखे। 81 की संख्या वाले झारखंड विधानसभा के चुनाव में NDA में जदयू, लोजपा जैसी पार्टी भी अपना हक मांगेंगे। तो वहीं, आजसू भी 2019 की तरह इस बार अपनी अधिक की भागीदारी पर अड़ेगा। यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि लोकसभा चुनाव का नतीजा कैसा आता है।
राजद की राजनीति को कवर करने वाले पत्रकार अशोक गोप कहते हैं कि भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए बड़े लक्ष्य के साथ इस बार INDIA का एक मुक्कमल गठबंधन बनाने के राजद सिर्फ एक सीट पर मान गया, लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं होगा। अगर राज्य में इंडिया का रिजल्ट खराब रहा तो स्टेयरिंग सीट पर बैठे झामुमो और कांग्रेस के आला नेतृत्व के लिए राजद को 07 विधानसभा सीट पर मनाना मुश्किल होगा। वहीं, सीपीआई माले के साथ साथ अन्य छोटे दलों को साथ लाने का दवाब भी बढ़ेगा।