रांची: झारखंड में बीजेपी की करारी हार के बाद शीर्ष नेतृत्व को झारखंड के विषय में मंथन की आवश्यक्ता है। आजसू की युवा छवि भी अब नए जेनरेशन को रास नहीं आ रहा है। विधानसभा चुनाव में ये देखने को भी मिला कि जयराम महतो की पार्टी भले ही जीत पहीं पाई पर बीजेपी को अत्यधिक चोट पहुंचा गयी। सुदेश महतो की ओबीसी वोटर्स की पैठ को जैसे जयराम ने भेद दिया और इसका सीधा फायदा इंडी गठबंधन को हुआ। अपनी सुरक्षित सीट से सुदेश 49302 वोट पाकर हार गए। वहीं देवेंद्र महतो को 41725 हजार वोट मिले। अमित कुमार को 73169 वोट मिले। ये साफ इशारा है कि जनता अपने मुद्दो पर अब नेतृत्व बदलना चाहती है। साथ ही सुदेश के लगभग 50 प्रतिशत वोट कट गए। कमोबेस झारखंड के सभी सीटों पर भले ही जेएकेएम की जीत न हुई हो पर बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान जेएलकेएम के कारण उठाना पड़ा है। इस पूरे कैंपेनिंग के दौरान जहां कल्पना सोरेन एक मजबूत और सशक्त नेत्री बनकर उभरी हैं वहीं झारखंड को जेएमएम की ओर से एक महिला नेत्री भी मिल गयी हैं। अब बात करे बीजेपी और आरएसएस की तो भले ही उपरी तौर पर इसे पारिवारिक मामला करार दे दिया गया है पर आरएसएस का लोकसभा चुनाव के दौरान ही चुनाव के कैंपेनिंग से हट जाना बीजेपी के लिए एक बड़ी क्षति है। जिस प्रकार से मीडिया और सोशल मीडिया में आरएसएस का प्रभाव लोकसभा 2019 और 2014 में देखने को मिला था वो अब नहीं दिख रहा। वही जे पी नड्डा के बयान की अब हमें आरएसएस की जरुरत नहीं मामले को और हवा दे देता है। कहीं न हीं लोकसभा और झारखंड विधानसभा में संघ के फैक्टर को नकारा नहीं जा सकता। बात करें झारखंड की राजनीति की तो यहा की जनता अब काम पर ही वोट देना चाहती है। हर हाथ् में मोबाईल है हर हाथ में सोशल मीडिया है। अब संप्रेषण सुलभ है। ऐसे में तेजी से उभरते युवा चेहरे जयराम महतो ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। झारखंड में बीजेपी को अपनी रणनीति बदलनी होगी। यहां आज भी लगभग 26 प्रतिशत आदिवासी 65 प्रतिशत ओबीसी और सदान वही 20 प्रतिशत मुस्लिम हैं। इस लिहाज से बीजेपी को अपने वोटरों के आकलन के बाद ठोस रणनीति की आवश्यक्ता है। यदि पिछले बार के चुनाव के आंकडों को देखें तो बीजेपी के पारम्परिक वोटर कमोबेस उसके साथ थे लेकिन इस बार कोर वोटर भी बीजेपी का दामन छोड़ते हुए नजर आए। अत: ये आत्म मंथन का समय है। अब समय युवा नेतृत्व का है आने वाले दिनों में यदि सवर्ण और ओबीसी पूरी तरह बीजेपी को अनदेखा कर दिए तो समस्या गंभीर हो जाएगी।