अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे फिर चर्चा में हैं। उन्होंने भविष्यवाणी कर दी है इसी साल अक्टूबर-नवंबर में संताल के दुमका और बरहेट विधानसभा सीट पर उप चुनाव होगा। यह दोनों सीट सोरेन परिवार के अधीन है। बहरेट से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन विधायक हैं तो दुमका से हेमन्त सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन। विधानसभा आम चुनाव में हेमन्त सोरेन बरहेट और दुमका दोनों सीटों से लड़े और विजयी हुए थे। बाद में दुमका सीट को खाली कर अपने छोटे भाई बसंत को वहां से जितवाया। अगर निशिकांत दुबे का कहना सच हुआ तो दुमका विधानसभा सीट पर दूसरी बार उप चुनाव की नौबत आएगी।
चर्चा में रहते हैं निशिकांत दूबे
निशिकांत दुबे अपने बड़बोले बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। मगर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से निकटता और बड़े फलक के कारण उनके बयानों, ट्वीट का अपना मायना होता है। हाल के महीनों में ED की गतिविधियों से झारखंड की राजनीति हिली हुई है। पूजा सिंघल के आवास पर रेड की खबर भी मीडिया वालों को खबर मिलने से पहले निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर लोगों को जानकारी दे दी। बाद में प्रेम भइया… और भी न जाने कितने अधिकारियों, ठेकेदारों पर ट्वीट करते रहे और उनका ट्वीट एक हद तक सच भी निकलता रहा। ईडी की टीम वहां पहुंचती रही। बल्कि मीडिया वाले भी खबरों के लिए उनसे मदद लेते रहे। ऐसे में झामुमो ने भी कड़ा एतराज किया था कि निशिकांत दुबे की भविष्यवाणी से लगता है कि केंद्रीय एजेंसियां पहले उन्हें ही रिपोर्ट करती हैं।
CM के परिवार से तीखी रंजिश
सोरेन घराने और निशिकांत दूबे में तीखी रंजिश है। हेमन्त सोरेन पर तो निजी स्तर पर जाकर सोशल मीडिया पर आक्रमण करते रहे। लोकपाल के माध्यम से आय से अधिक सम्पत्ति को लेकर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को नोटिस के पीछे भी निशिकांत दुबे ही हैं। अब निशिकांत दुबे अपने ताजा बयान को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हैं। आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े एक मामले में वे अदालत में पेश होने दुमका आये थे। वहां सर्किट हाउस में उन्होंने मीडिया वालों से कहा कि नवंबर तक दुमका और बरहेट विधानसभा के लिए उप चुनाव होंगे।
सोरेन पर जड़ा परिवारवाद का आरोप
दुबे ने कहा कि ” मुझे संभावना दिख रही है कि दुमका विधानसभा में फिर से चुनाव आने वाला है। जिस तरह भ्रष्टाचार और भाईभतीजावाद बढ़ा। पीएम ने लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में कहा उसका सबसे जीता जागता उदाहरण दुमका है। पिछले 40-42 साल से एक ही परिवार इस दुमका में प्रभावी है। पिता जी सांसद हैं तो बेटा विधायक है, पत्नी एमएलए है। बेटा एमएलए है तो बेटे की पत्नी भी एमएलए है। इस दुमका में कभी भी एक परिवार के बाहर राजनीति नहीं जा रही है। और जब एक परिवार राजतंत्र की तरह प्रभावी होता है तो वह गलतियां करता है। मान लेता है कि यह प्रजातंत्र नहीं है राजतंत्र है। और राजतंत्र में राजा ने जो फैसला कर लिया वही सही है। और मुझे लगता है कि उसी की परिणति है कि जहां तक मुझे संभावना दिखाई पड़ती है।
“चुनाव आयोग तय करेगा आगे का भविष्य”
सीएम हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर हमलावर दूबे ने कहा कि कल क्या होगा यह चुनाव आयोग तय करेगा। लेकिन चुनाव आयोग में जो हमारा केस है, भाजपा उसमें पार्टी है। जो कानून के सलाहकार अपने को जानकारी दे रहे हैं उसके हिसाब से संतालपरगना में दो उप चुनाव बरहेट और दुमका आने ही वाला है। भाजपा के कार्यकर्ताओं को आज से ही तैयारी में लग जाना चाहिए। मैंने पार्टी से आग्रह किया है कि एक कार्यकर्ता के नाते मुझे चुनाव संचालन की जिम्मेदारी दी जाये। मैंने कहा है कि पूरा चुनाव यहीं दुमका से बैठकर मैं संचालित करूंगा। इस बार समय ही समय है।”