रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनावी संग्राम का बिगुल बज चुका है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यह चुनाव दो चरणों में संपन्न होने का ऐलान किया है। हमेशा चुनाव के दौरान ईवीएम हैक होने का मुद्दा उठता रहता है। इसे लेकर किए गए सवाल के जवाब में के कुमार से स्पस्ट किया कि ईवीएम हैक नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाते हैं। ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) चुनाव से लगभग 5-6 महीने पहले की जाती है। ईवीएम का कोई कनेक्शन नहीं होता, इसलिए इसे हैक करना संभव नहीं है।
इसके बाद ईवीएम की सुरक्षा को लेकर राजीव कुमार ने ईवीएम के सुरक्षा उपायों की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें उन्होनें कहा कि हर समय पर राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार का एजेंट मशीनों की कमीशनिंग में उपस्थित रहता है। इसके बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखा जाता है, जहां तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होती है। इसके साथ ही, चुनाव के दिन ईवीएम का वितरण भी पारदर्शी तरीके से किया जाएगा, जिसमें सभी संबंधित एजेंटों को ईवीएम के नंबर की जानकारी दी जाएगी। अपने वक्तव्य में के कुमार ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान ईवीएम की सुरक्षा को लेकर हर संभव कदम उठाए जाएंगे, ताकि जनता का विश्वास कायम रहे। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर कोई शिकायत आई तो उसका व्यक्तिगत जवाब दिया जाएगा और सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम से जुड़े संदेहो पर दावा किया कि ईवीएम में गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है।