रांचीः पारस हॉस्पिटल एचइसी के यूरोलॉजिस्ट डॉ सौमिक चटर्जी ने गिरिडीह के रहने वाले 25 वर्षीय युवक की जान बचाई है। इस युवक का एक्सीडेंट होने के कारण इसका किडनी क्षतिग्रस्त हो गया और किडनी के दो टुकड़े हो गये थे। इस कारण पेट में ब्लीडिंग तेजी से हो रहा था। तत्काल उपचार के लिए इस युवक को रिम्स में भेजा जाता है। फिर वह युवक रांची के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिला लेता है। उस युवक का इलाज दो दिन तक निजी हॉस्पिटल में होता है, लेकिन वहां पर उस मरीज की हालत और भी खराब हो रही थी। मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और उसका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था। इसके बाद मरीज के परिजनों ने पारस हॉस्पिटल से संपर्क किया और मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। जब वह मरीज अस्पताल पहुंचता है तो उसका हार्ट रेट 170 था। बीपी कम हो गया था। तुंरत मरीज का सीटी स्कैन किया जहां पता चला की किडनी दो टुकड़ों में टूट गए है एवं छाती के अंदर रक्त प्रवाह होने में कारण हेमोथोरेक्स हो रहा है। मरीज को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में लिया गया। जब उन्हें ओटी में रखा गया, तब तक उनका एसओपी02 घटकर 64 प्रतिशत रह गया था।
पारस हॉस्पिटल में उस मरीज का तीन घंटे पेट का ऑपरेशन चला। क्षतिग्रस्त किडनी को हटाया गया। जहां पर अधिक ब्लीडिंग हो रही थी, उसे रोका गया। छाती में चेस्ट ट्यूब डाला गया। एक अत्यावश्यक लैपरोटॉमी और नेफरेक्टोमी की गई। रीनल हिलम में सक्रिय उछाल के साथ लगभग 1.5 लीटर रक्त को नियंत्रित किया गया। एक चेस्ट ड्रेन भी डाला गया और एक लीटर एकत्रित रक्त निकाला गया। मरीज दो दिनों तक आईसीयू में रहा। इसके बाद पूरी तरह स्वस्थ होकर घर चला गया। यूरोलॉजिस्ट डॉ सौमिक चटर्जी ने कहा कि उस मरीज की जान तभी बच पायी, जब मरीज का ऑपरेशन तीन घंटे के अंदर डॉक्टर और उनकी टीम के द्वारा हाई रिस्क पर किया गया। थोड़ी और देर होती तो मरीज को बचाना संभव नहीं था। पारस हॉस्पिटल एचइसी के मार्केटिंग हेड मानस लाभ ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में मरीजों का विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जा रहा है। साथ ही साथ आयुष्मान योजना, ईसीआई एवं अन्य इंश्योरेंस के तहत इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इस हॉस्पिटल में झारखंड समेत अन्य प्रदेशों के मरीज इलाज करवा रहे हैं।