गढ़वा: झारखंड के गढ़वा से महिला अपराध से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पीड़ित आदिवासी महिला ने अपने गांव के मुखिया इजहार अंसारी पर संगीन आरोप लगाते हुए शिकायत की है कि उसके गांव के मुखिया इजहार अंसारी ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया है। इतना ही नहीं मुखिया ने पिछले 21 साल से उसके साथ जबरन शारिाक संबंध स्थापित कर तीन बार उसका गर्भपात भी करवाया है। अपने अवेदन में पीड़ित महिला ने बताया कि साल 2003 में जब अव 14 साल की थी तब आरोपी एक दिन अचानक जबरन उसके घर में घुसकर हथियार के बल पर खुद के नक्सली होने का भय दिखाकर उसके साथ बलात्कार किया।
इस घटना के बाद से उसके ही वह लगातार पीडुीता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा। समय के साथ आदिवासी पिड़ीता के साथ उसकी ज्यादती उस समय और बढ़ गई जब उसने पीड़िता को अपने आदिवासी समुदाय में शादी नहीं करने की धमकी देते हुए इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाव बनाता रहा। इजहार अंसारी ने धमकी दिया कि ऐसा नहीं करने पर पीड़ीता को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाएगा। पीड़ीता ने अपनी शिकायत में बताया कि गांव में 300 घर हैं। उनमें एक मात्र आदिवासी महिला वह है। वहीं आरोपी मो. इजहार अंसारी दुधवल पंचायत का मुखिया है। इस बात पर न्यायालय ने आरोपियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें यह मामला रंका थाना अंतर्गत दुधवल गांव का है। वहीं इस बलात्कार व धर्म परिवर्तन के मामले का आरोप मो इजहार अंसारी, नदीम अंसारी और सुल्ताना परवीन पर लगा है। उनके खिलाफ थानांतर्गत एक गांव की महिला ने न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया। वहीं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुलिका कुमार की अदालत ने रंका थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। बताते चलें कि अपने उपर हो रहे जुल्म और शोषण से तंग आकर आदिवासी आदिवासी ने रंका थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक गढ़वा, पुलिस उपमहानिरीक्षक पलामू व मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग रांची, पुलिस महानिरीक्षक रांची को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इसके बावजूद इन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद उसने न्यायालय में परिवाद पत्र दायर कर न्याय की गुहार लगाई। वहीं इस गंभीर मामले को लेकर एसपी ने बताया कि कोर्ट से आदेश आने पर मामले में केस दर्ज कर अनुसंधान कर कार्रवाई की जाएगी।