रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा नेता सीता सोरेन का कहना है, “…पहले जेएमएम पार्टी में सभी नेता जुड़े हुए थे लेकिन आज स्थिति ऐसी नहीं है कि हर नेता का सम्मान हो… अगर उन्हें (चंपई सोरेन) सम्मान दिया जाता या मुख्यमंत्री बनाया जाता तो उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने देना चाहिए था… उनका बहुत बड़ा अपमान हुआ है. वो कह रहे हैं कि वो इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकते… चंपई सोरेन ने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा. वो हर परिस्थिति में पार्टी के साथ थे लेकिन ऐसी परिस्थिति आई कि उन्होंने ये फैसला लिया।”
बता दें चम्पई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी है और इसी के साथ शुरू हो गया है चुनावी महाभारत। इसे लेकर बाबमलाल मरांडी ने भी हेमंत पर निशाना साधा है उन्होने कहा कि “…वे (झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन) पूरी तरह से भ्रष्ट अधिकारियों से घिरे हुए हैं। जिसके कारण लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं और धीरे-धीरे पार्टी छोड़ रहे हैं। पहले सीता सोरेन ने पार्टी छोड़ी, फिर आप देख रहे हैं कि चंपई सोरेन पार्टी छोड़ रहे हैं। अब बस इंतजार करें और देखें कि और कितने लोग पार्टी छोड़ते हैं…” पीएम मोदी से मुलाकात पर वे कहते हैं, “झारखंड में कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मैंने उन्हें राज्य की राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया और उनका मार्गदर्शन भी लिया। झारखंड में भाजपा सरकार बनाएगी…”। भाजपा के सरकार बनाने के दावे के साथ साथ मरांडी ने झामुमों के और भी नेताओं के पार्टी छोड़ने का संकेत दिया है। सियासी गलियारे में लोबिन हेम्ब्रम पर चर्चा तेज हो रही है। कोल्हान टाइगर के बाद अब लोबिन दादा भाजपा के खेमें में आ सकते है!