रांची: युवा आक्रोश रैली के दौरान रैली को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम व प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार की उल्टी गिनती शुरू। आगे उन्होनें कहा कि इस सरकार की आयु 100 दिन से भी कम बची है। वहीं उन्होने युवाओ को याद दिलाया और कहा कि आप याद कीजिए झारखंड की सरकार ने नौजवानों को किस प्रकार ठगा है। उन्होंने झारखंड के युवाओं से प्रतिवर्ष 5 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। नौकरी नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। बेरोजगारी भत्ता की बात तो इन्होंने विधानसभा में कही थी। इतना ही नहीं, उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं करने पर राजनीति से संन्यास लेने की बात कही थी। 5 साल गुजर गए, लेकिन हेमंत सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दे पाई। वहीं बाबूलाल ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर थोड़ी भी आपमें नैतिकता बची हो तो आपको सार्वजनिक रूप से अपनी वादाखिलाफी को लेकर यहां के नौजवानों और राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
जनता आपके दरवाजे तक उसका हिसाब मांगने पहुंची हुई है। आप माफी मांगिए, नहीं तोराज्य भर के युवा आपसे हिसाब मांगने आपकी चौखट पर ही आ रहे हैं। इस कार्यक्रम में युवा के अलावा गरीब, पीड़ित और बुजुर्ग भी आए हैं। युवा आक्रोश रैली के बारें में जब लोगों ने सुना तो उन्हें भी लगा कि इस सरकार ने तो उन्हें भी ठगा है, धोखा दिया है इसलिए हम सबों को भी चलनी चाहिए। 2019 में घोषणा किया था कि सरकार बनेगी तो गरीबों को साल में 72000 रुपए देंगे। यह पैसा तो गरीबों को सरकार ने दिया नहीं तो 5 साल का जोड़कर हेमंत सोरेन सरकार को यह रकम देनी चाहिए। दिव्यांगों और वृद्धों को 2500 रुपए महीना पेंशन की बात कही थी, वह भी वादा पूरा नहीं किया। इसलिए गरीबों के साथ ये दिव्यांग, ये बुजुर्ग भी अपना हिसाब किताब आपसे करने आए हुए हैं, सभी को पैसा आपको देना पड़ेगा। इतना ही नहीं, ग्रीन कार्ड के माध्यम से 10 लाख गरीबों को 5 किलो अनाज मुफ्त देने का वादा किया था। ये लोग भी 5 साल का राशन लेने के लिए बोरा लेकर पहुंचे हैं, इनको राशन दे दीजिए. वैसे आप राशन क्या देंगे, जब उक्त सारे लोग रांची कार्यक्रम में आ रहे थे तो कल से ही इन्हें रोकने की कोशिश की जा रही है। पहले गाड़ी वालों को रोकने की कोशिश की, फिर राज्य के हर थाना क्षेत्र में रांची आने वाली हर सड़क पर पुलिस की पहरेदारी लगा दी ताकि कार्यक्रम में लोग पहुंच नहीं सकें। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने हमें देश के अंदर यह हक दिया है कि हम अपनी मांगों को लेकर रैली, प्रदर्शन, जुलूस, कर सकते हैं। लोकतंत्र में धरना, आंदोलन, रैली करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार होता है। अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन के 40 वर्षों में हमने पहली बार देखा कि कोई सरकार इस प्रकार से नुकीले तार के कांटों से घेराबंदी कराई है। ताकि युवा और जनता अपनी आवाज बुलंद करने के लिए मोराबादी मैदान नहीं पहुंच सके। हेमंत सोरेन युवाओं का आक्रोश देखकर डरे सहमे हैं, उनकी सरकार घबराई हुई है। प्रदेश की जनता- जनार्दन देख रही है, किस प्रकार से युवाओं के आंदोलन को तानाशाही तरीके से दबाने का प्रयास किया जा रहा है। हेमंत सोरेनजी, हम लोग तो इस आंदोलन को रांची के मोरहाबादी मैदान में करने वाले थे लेकिन आपने जिस प्रकार रोकने और कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की पूरे राज्य में नौजवानों को उग्र कर दिया है। आज से आपकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 100 दिन से भी कम आयु इस सरकार की है। जो भी पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी सरकार के इशारे पर टूल्स की तरह काम कर रहे हैं, उन्हें भी चिह्नित किया जाएगा।