रांची: सरकार द्वारा वकीलों को दिए गए स्वास्थ्य बीमा योजना में केवल ट्रस्टी कमिटी के सदस्य को जोड़ने पर आपत्ति जताते हुए दायर की गयी जनहित याचिका की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत को झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने बताया कि राज्य सरकार ने केवल ट्रस्टी कमेटी के 15 हजार अधिवक्ताओं के लिए ही स्वास्थ्य बीमा करने का निर्णय लिया है। अपनी याचिका में कृष्ण ने कहा कि राज्य में 33 हजार हजार वकील हैं, अत: इन सभी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलना चाहिए। इसके साथ साथ राजेंद्र ने वकीलों के परिवार को भी स्वास्थ्य स्कीम से जोड़ने का उन्होंने आग्रह किया।
उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि सभी अधिवक्ताओं को ट्रस्टी कमेटी से भी जोड़ दिया जाए। जिससे योजनाओ का लाभ उन सबको भी मिल सके। रांजेंद्र कृष्ण की इस याचिका पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जिसके बाद सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस संबंध में निर्णय लेकर कोर्ट को अवगत कराया जाएगा। वहीं इस मामले में विदेश कुमार धान ने जनहित याचिका दाखिल कर राज्य के सभी अधिवक्ताओं को हेल्थ बीमा करने का आग्रह किया है। चलते चलते बता दें कि सरकार की पिछली कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया कि राज्य के लगभग 15 हजार वकील जो ट्रस्टी कमिटी के सदस्य हैं, उन्हें स्वास्थ्य बीमा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 13 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है। वहीं इस फैसले को लेकर उन वकीलों में निराशा है जो ट्रस्टी कमिटी के सदस्य नहीं हैं। इसे लेकर झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आगह किया कि राज्य के सभी 33 हजार वकीलों को स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ दिया जाय।