पाकुड़: झारखंड के संथाल परगना से आई एक भयावह खबर। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने अपने ट्वीटर एकाउंट से पोस्ट कर बहां के लोगों की आप बीती सुनाई है जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान होंगे कि क्या ये झारखंड है या पाकिस्तान। जी हां पाकुड़ के इस्लाम मोहल्ले में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। वहां रहने वाले आदिवासी डर से घरों में बंद हैं। दस हजार मुस्लिमों के इस मोहल्ले में मात्र सौ आदिवासी परिवार। लाजिमी है कि इस डेमोग्राफिक रेशियों के हिसाब से वहां के मूलनिवासियों की संख्या अत्यंत कम है। इस दौरान विडियों में यह कहते हुए सुना जा रहा कि आधि रात को मुस्लिमों की भीड़ ने हिंदु मंदिर पर हमला कर दिया। हिंदू आदिवासियों को इस बात की भनक भी नहीं कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है। अपने बयान में वहां के मूलनिवासी नगरदीप मंडल ने बताया कि यहां की स्थिति बेहद चिंतनीय है।
मुस्लिम उनके साथ अत्याचार करते हैं उन्के घरों की औरतों को उठा ले जाते है बच्चियों के साथ गलत करते हैं। वो चाहतें है कि हम सब बचे कुचे हिंदू इस जगह को छोड़ कर चलें जाएं। एक एक कर यहां से हिंदुओं को भगा दिया गया जमीने छीनी गई। वहीं ये पूछने पर कि प्रशासन से सहायता क्यों नहीं ली तो नगरदीप कहते है कि सरकार कुछ नहीं करती हेमंत सरकार ने चूड़ियां पहन रखी है। हमारे घरों पर हमला हुआ है इस बारे में सरकार ने कुछ नहीं कहा है। एसपी साहब को भी मामले की जानकारी दिए वो भी कुछ कार्रवाई नहीं करते। पाकुड़ के ही दूसरे स्थानीय नागरिक उज्जवल कुमार दास ने बताया कि दिन के करीब दो बजे हम सब सोए थे अचानक मुस्लिमों के झुंड ने हमारी मंदिर पर लाठी डंडा हथियार लेकर हमला कर दिया। हम समझ भी नहीं पाए कि हुआ क्या फिर हमने प्रशासन को खबर किया इस बीच पुलिस हमारे घरों में इस मोहल्ले में पहरा दे रही है। उन्होंने बताया कि मुस्लिमों से आदिवासी समाज की न तो कोई लड़ाई हुई न ही कोई विवाद हुआ फिर भी अचानक उनलोगों ने हम पर हमला कर दिया ओर नारे लगाने लगे। अने नारें में मुस्लिमों ने कहा कि हिंदू को मिटा देंगे यह बोल कर मंदिर में हमला कर दिया फिर सभी हिंदुओं के घर में लाठी पटका।
आगे उज्जवल ने कहा कि फोर्स है तभी हम हैं हम सब आदिवासी मूलनिवासी हिंदू डरें हुए हैं। फोर्स नहीं रहेगा तो हमारा जिंदा रहना मुस्किल है। वहां के सभी लोगों में डर व्याप्त है। ऐसा लग रहा जैसे पाकिस्तान में खड़े है। झारखंड में बढ़ते घुसपैठ को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने भी चिंता जताई है । वहीं संथाल के डीसी ने संथाल परगना में किसी प्रकार के घुसपैठ से इंकार किया है। बड़ा सवाल ये है कि आखिर इतने कम समय में झारखंड में मुस्लिम आबादी इतनी कैसे बढ़ गयी। ओर इस प्रकार विलुप्ति की कगार पर खड़े हिेदू आदिवासीयों की कौन सुनेगा।