हजारीबाग: एक ऐसा सीट जिसमें चुनाव लड़ने के लिए कांगेस के 38 लोग इच्छुक है वहीं इसी सीट के लिए भाजपा से 25 लोगों ने इच्छा जताई है। इस सीट के लिए प्रत्यशियों की महाभारत ने बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक नयी सिरदर्द पैदा कर दी है। बता दें हजारीबाग सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है, जहां से मनीष जायसवाल विधायक रह चुके हैं और अब वो सांसद हैं। मनीष जायसवाल के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। वहीं अब बीजेपी में इस सीट के लिए 25 लोगों को टिकट के लिए इच्छुक घोषित किया है। भाजपा के लिए ये एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है जब वो बीजेपी की वर्चस्व वाली इस सीट पर कोई नया चेहरा उतार सकती है।
इधर कांग्रेस के खेमें में भी हलचल तेज हो गयी है। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में 38 लोगों ने इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। वहीं यहां कांग्रेस के समक्ष सबसे अजीबोगरीब स्थिति यह है कि बड़का गांव की विधायक अंबा प्रसाद के पिता योगेंद्र साव और उनकी बहन अनुप्रिया साव ने भी हजारीबाग सदर विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की है। बता दें योगेंद्र साव पूर्व मंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, वहीं अनुप्रिया साव का परिवार क्षेत्रीय राजनीति में अपनी गहरी पैठ के लिए जाना जाता है। यहां बात सिर्फ इतनी ही नहीं है कांग्रेस को अब यह तय करना है कि इस सीट पर किसे उम्मीदवार बनाए। क्योंकि इस सीट के लिए पिताजी और बेटी की दावेदारी के अलावा भी अन्य बड़े नाम तालिका में हैं। फिलहाल योगेंद्र साव और अनुप्रिया साव के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के लिए निर्णय लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वहीं इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व होने के कारण हजारीबाग सदर विधानसभा की यह स्थिति दर्शाती है कि इस बार इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।