रांची: विद्यालय की कक्षा वह परिवेश है जहाँ बालमन आकार लेकर पल्लवित, पुष्पित और सुरभित होता है। प्रभावी कक्षा प्रबंधन के बिना चालीस मिनट की कक्षा में शिक्षण कभी-कभी निष्प्रभावी हो जाता है। कक्षा में प्रभावी शिक्षण को समर्पित राँची सहोदया स्कूल काम्प्लेक्स के तत्वावधान में इन हाउस ट्रेनिंग के अंतर्गत जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में क्लासरूम मैनेजमेंट पर दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन हुआ जिसमें जेवीएम, श्यामली और फिरायलाल पब्लिक स्कूल के 140 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया।
इस कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में फिरायलाल पब्लिक स्कूल के प्रचार्य श्री नीरज कुमार सिन्हा और एस आर डीएवी की ऐकेडमिक कोर्डिनटर श्रीमती स्वाति डे थीं। प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने बतौर प्रशिक्षक दोनों का अभिवादन करते उन्हें पादप बाल वृक्ष प्रदान किया। रिसोर्स पर्सन ने चार मॉड्यूल में कक्षा में आने वाली समस्या को हल करने का गुर सिखाया और बताया कि किस प्रकार नियम व प्रक्रिया के तहत शिक्षण को सकारात्मक, सांस्कृतिक और प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण में तकनीक संतुलन लाता है और छात्र लेर्निंग में रुचि लेकर जल्दी सीखते हैं।
दोनों प्रशक्षकों ने ऑडियो, वीडियो, एक्टिविटी, संवादात्मक शैली में कंटेंट मैनेजमेंट, कंडक्ट मैंनेजमेंट, कवनेंट मैंनेजमेंट, कक्षा प्रबंधन की अवधारणा, सिद्धांत और तत्वों, समय प्रबंधन, व्यवहार प्रबंधन, विषय वस्तु प्रबंधन आदि पर विस्तार से चर्चा की। वहीं प्रशिक्षु शिक्षकों ने भी अपने अनुभव साझा किया, प्रसंगानुकुल किशोरगत समस्या और समाधान पर अपने विचार रखे तथा क्रियकलाप में भूमिका भूमिका निभाई। प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने सभी प्रशिक्षु शिक्षक – शिक्षिकाओं को नव वर्ष की शुभकामना देते हुए स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि विद्यालय में एक शिक्षक को बहुत सारा कार्य करना पड़ता है। उसे अपने कर्तव्यों को आत्मविश्वास और प्रभावी ढंग से संपादन के लिए कक्षा प्रबंधन में सक्षम होना आवश्यक है। एक स्मार्ट टीचर के लिए क्लासरूम में स्मार्ट टीचिंग मैनेजमेंट स्किल सीखना आवश्यक है इससे हर स्तर के विद्यार्थियों को शिक्षित करने में मदद मिलती है। इस कार्यशाला में उप प्राचार्य श्री बी एस झा, श्री संजय कुमार, विद्यालय प्रशिक्षण अधिकारी श्री एल एन पटनायक, NSS कार्यक्रम अधिकारी श्री शशांक कुमार सिन्हा, वरीय शिक्षक मोती डॉ मोती प्रसाद आदि मौजूद थे।