रांची: अपने दो दिवसीय दौरे को पूरा कर झारखंड से चुनाव आयोग की टीम लौट चुकी है। इस दौरान टीम ने झारखंड के कई एजेंसियों दलों और अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव की रणनीति पर विमर्ष किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग की टीम ने सूबे में सभी प्रवर्तन एजेंसियों, दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव तैयारियों की समीक्षा की है। इस दौरान आयोग ने स्पष्ट कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी दलों को समान लेवल प्लेइंग फील्ड मुहैया कराई जाएगी। वहीं चुनाव के दौरान सूबे में पड़ोसी राज्यों से किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए सीमाएं सील करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। वहीं सबके मन में उठने वाले एक सवाल कि चुनाव की तारीखों पर आयोग फैसला कब लेगा? तो मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आयोग जल्द ही चुनाव की तारीखों पर अंतिम फैसला लेगा। हम परसों से महाराष्ट्र के दौरे पर जा रहे हैं, उसके बाद चुनाव की तारीखों पर निर्णय लेंगे।
हम झारखंड में समय से चुनाव कराएंगे। आगे मीडिया मित्रों से आयुक्त ने कहा कि हमने राज्य में सभी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक की। सभी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए। यही नहीं सभी पार्टियों को समान लेवल प्लेइंग फील्ड मिलनी चाहिए। DM, SP को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव में किसी भी प्रकार का प्रलोभन जैसे ड्रग्स आदि की समस्या से कड़ाई से निपटा जाए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने यह भी कहा कि अधिकारियों को इलाकों को साफ सुथरा करने को कहा गया है। बॉर्डर्स सील कर दिए जाएंगे, किसी भी पड़ोसी राज्य से झारखंड में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए, ऐसे निर्देश अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। हम बिल्कुल तैयार हैं। प्रशासन दुरुस्त है। यदि कोई अधिकारी किसी पार्टी को फेवर करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होने कहा कि कुछ पार्टियों ने मांग की थी कि पोलिंग बूथों पर 100 फीसदी सीसीटीवी कैमरों का बंदोबस्त किया जाना चाहिए। हमने इसे मान लिया है। वहीं अधिकारियों के अनुसार, कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से एक ही चरण में विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया है। अधिकांश दलों ने चुनाव कार्यक्रम तय करने से पहले अक्टूबर और नवंबर में दिवाली, छठ, दुर्गा पूजा और राज्य स्थापना दिवस जैसे मौकों पर विचार करने का भी अनुरोध किया है। यही नहीं कुछ दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषणों के बारे में चिंता जताई और आयोग से राज्य में अवैध प्रवासियों जैसे विचाराधीन मामलों को उठाने पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया।