नयी दिल्ली: देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि साल 2021 से साल 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत सालाना वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हुआ है। इससे न केवल देशवासियों के पास में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। आगे कहा कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना संपूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि जी-20 के बाद भारत ने ग्लोबल साउथ के जरिए अपनी भूमिका को और मजबूत बनाया है। “आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। सभी देशवासी 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना – चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो – हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है।”उन्होंने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार के साथ अलग-अलग त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं। वहीं राष्ट्रपति ने देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कहा, “देश आज 14 अगस्त को, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान देश का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एकजुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।” इसी साल लागू हुए भारतीय न्याय संहिता को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक दौर के एक और अवशेष को खत्म कर दिया है। नई संहिता का मकसद दंड देने की जगह अपराध पीड़ितों के लिए न्याय दिलाना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।
वहीं भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को लेकर राष्ट्रपति ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा