[Team insider] झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के सातवें दिन सदन में ग्रामीण विकास विभाग का वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 8051 करोड़ रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया। वहीं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सदस्यों को भरोसा दिलाया कि विभाग के अंदर जो भी कमियां हैं, उसे दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि पुल-पुलिया के साथ सड़क भी विधायकों की अनुशंसा पर मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान मनरेगा में 1042 लाख मानव दिवस का सृजन कर राज्य ने रिकार्ड बनाया है।
मनरेगा मजदूरी 198 रुपये से बढ़ाकर 225 रुपये कर दिया गया
कोरोना के दौरान लॉकडाउन में जब दूसरे प्रदेशों से मजदूर लौटे, तो उन्हें मनरेगा से ही रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में मनरेगा मजदूरों को 290 रुपये से 300 रुपये तक मजदूरी मिलती है, लेकिन अबतक राज्य में किसी सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी के बारे में नहीं सोचा। हेमंत सरकार ने मनरेगा मजदूरी 198 रुपये से बढ़ाकर 225 रुपये कर दिया है।
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अपनी ही सरकार को घेरा
वहीं बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का तीसरा बजट आ चुका है, लेकिन तीन सालों में विधायकों को तीन पुल तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में विधायकों को 30 किमी सड़क प्रति वर्ष मिलता था, लेकिन इस सरकार में इसे घटा कर 6 किमी किया गया। वह 6 किलोमीटर सड़क भी विधायकों को नहीं मिल रहा है। इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि यदि पिछली सरकार में उन्हें हर वर्ष 30 किमी सड़क मिली है, तो पांच वर्षों में 150 किमी सड़क मिली होगी। उनमें हिम्मत है तो सदन के पटल पर उस लिस्ट को रखें, तब हम मान लेंगे कि उनकी बात में सच्चाई है।