कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग पूरी हो चुकी है। आज सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हुई थी जो शाम को 6 बजे थम गई। इस बार लगभग 68 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है, जो पिछले बार से कम है। 13 मई को जब चुनावी परिणाम सामने आएंगे तब ये साफ होगा की किस पार्टी को इसका लाभ मिला है। कर्नाटक के वोटिंग प्रतिशत का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प रहा है। कर्नाटक के पिछले तीन विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो बड़े ही चौंकाने वाले आकड़े सामने आते हैं। हर पर वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि हुई है। वही रिजल्ट पर गौर करे तो पता चलाता है कि सबसे अधिक वोट प्रतिशत कांग्रेस को मिला है चाहे सरकार किसी कि भी बनी हो।
2018 में हुई 72.10% वोटिंग
वर्ष 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुल 72.10% वोटिंग हुई थी। चुनाव परिणाम पर गौर करें तो 104 सीट के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में कांग्रेस नंबर वन बनी। कांग्रेस को कुल 38.04 प्रतिशत वोट मिला था। जबकि वो 80 सीट ही जीतने में कामयाब रही। भाजपा को 36.22 प्रतिशत वोट मिला था। वही जेडीएस के 37 उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत दर्ज की। उसे कुल 18.36 प्रतिशत वोट मिले थे।
2013 में हुई 71.45% वोटिंग
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 71.45 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। चुनाव परिणाम पर गौर करें तो कांग्रेस को 122 सीटों पर जीत मिली। जिसके बाद कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार भी बनी । वोट प्रतिशत के मामले में भी कांग्रेस सबसे आगे रही थी। कांग्रेस को कुल 36.59 प्रतिशत वोट मिला था। वही भाजपा और जेडीएस के खाते में 40-40 सीट मिली थी। पर वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा, जेडीएस से भी पीछे चली गई। भाजपा को कुल 19.89 प्रतिशत वोट मिला था। वही जेडीएस 20.19 प्रतिशत वोट मिला है।
2008 में हुई 64.68% वोटिंग
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में 64.68 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इस बार भी सबसे अधिक 110 सीट भाजपा को मिली। लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में कांग्रेस ही आगे रही। कांग्रेस को सीट तो 80 मिली लेकिन वोट प्रतिशत सबसे अधिक 34.76 मिली थी। भाजपा को 33.86 प्रतिशत वोट मिला था। वही जेडीएस सीट और वोट प्रतिशत दोनों ही मामले में तीसरे नंबर पर रही। जेडीएस को कुल 28 सीट मिली थी जबकि वोट प्रतिशत 18.96 था।