शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने एक बड़ा फैसला लिया है। के.के.पाठक ने सीपीआई के एक एमएलसी के वेतन और पेंशन पर रोक लगा दी है। उनके इस एक्शन की चर्चा राजनीतिक गलियारों में भी खूब हो रही है। इसका बड़ा कारण ये है कि नीतीश सरकार को सीपीआई का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में सीपीआई एमएलसी के पेंशन रोकने को लेकर जदयू और सीपीआई के बीच कड़वाहट आने की आशंका है।
के.के. पाठक के निर्देश पर कार्रवाई
बता दें कि के. के. पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने शिक्षक संघ फुटाब के दो पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है। जिन दो पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उसमें से एक सीपीआई एमएलसी प्रो. संजय सिंह भी है। एमएलसी प्रो. संजय सिंह के पेंशन पर रोक लगा दी गई है। वहीं दुसरे पदाधिकारी प्रोफेसर बहादुर सिन्हा के सैलरी और पेंशन पर भी रोक लगाया गया है। शिक्षा विभाग के आदेश को एमएलसी प्रो. संजय सिंह ने तुलगकी फरमान बताया है और नीतीश सरकार के खिलाफ धरने का ऐलान भी कर दिया है।
JDU की सहयोगी है CPI
बता दें कि संजय सिंह तिरहुत शिक्षक सीट से एमएलसी हैं। इसके अलावा वे यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी हैं। सीपीआई अभी नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। पार्टी के बिहार विधानसभा में दो विधायक हैं। इसके अलावा सीपीआई विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा है। इसमें सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी शामिल है। केके पाठक के इस एक्शन से जेडीयू और सीपीआई के बीच तकरार की आशंका बढ़ गई है।