शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जिस तरह स्कूल की स्थिति में सुधार करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, उसका खौफ शिक्षकों में नजर आ रहा है। कहीं एसीएस के आने की खबर सुनकर ही गुरुजी क्लास रूम के पंखों को ठीक करते आ रहे हैं तो कहीं सफाई व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। बीते गुरुवार को केके पाठक छपरा के दौरे पर रहे। जिसके बाद इन दोनों जिलों के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा रहा। इस दौरान उन्होंने कई विद्यालयों का निरीक्षण किया।
चार घंटे से ज्यादा कार्यालय में बैठने पर लगाई रोक
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गुरुवार को सारण जिले कई विद्यालयों का निरीक्षण किया। विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति और साफ सफाई पर उनका फोकस रहा। केके पाठक यहीं नहीं रुके। उन्होंने सारण के उच्च विद्यालय, परसा के प्रधानाध्यापक और विज्ञान शिक्षक को स्कूल में गंदगी मिलने पर दंड दिया। कक्षाओं में गंदगी देख प्रधानाध्यापक जय शंकर प्रसाद गुप्ता को खुद से कमरे साफ करने का निर्देश दिया। वहीं, साइंस लैब में धूल की मोटी परत देख विज्ञान शिक्षक मुकेश कुमार वर्मा को फटकार लगाई और डीईओ को इनका तीन दिनों के वेतन काटने का निर्देश दिया।
खेल सामग्रियों के इस्तेमाल पर दिया जोर
केके पाठक ने कहा कि विद्यालय में प्रयोगशाला व खेल सामग्रियों का इस्तेमाल हर हाल में होना चाहिए। जिन विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम मिली वहां के शिक्षकों को सुधार लाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं होगी, उन्हें मैट्रिक परीक्षा फार्म भरने से वंचित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आने से एक ओर जहां शिक्षक सकते में थे। केके पाठक ने उन्हें पुन: आने का आश्वासन दिया। केके पाठक और बच्चे भले ही मस्ती में हों लेकिन अधिकारियों और शिक्षकों के पसीने छूट रहे थे।