बिहार के चर्चित IAS अधिकारी केके पाठक 63 दिन बाद छुट्टी से काम पर लौट आए हैं। उनकी तैनाती बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में है। अपनी कार्यशैली के लिए चर्चा में रहने वाले केके पाठक के छुट्टी से लौटने का असर ऑफिस के अंदर से लेकर सचिवालय कैंपस के पार्किंग तक दिख रहा है। पार्किंग एरिया के बाहर गाड़ियों की पार्किंग नहीं दिख रही है।
राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी मिलने के 63 दिनों बाद वह कार्यालय पहुंचे। राजस्व बोर्ड के सूत्र बताते हैं कि वह दिल्ली में इलाज करवा रहे थे। उनके आने के बाद पुराने सचिवालय की पूरी तस्वीर बदली-बदली सी है। कर्मियों में हड़कंप मचा है। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू का कार्यालय पुराने सचिवालय के उत्तरी गलियारे में है। वो ऑफिस में रहें ना रहें, गलियारे में पिन ड्रॉप साइलेंस है।
सचिवालय परिसर के अंदर गाड़ियों का पार्किंग इधर-उधर ना हो, इसके लिए सचिवालय सुरक्षा DSP ने 3 अतिरिक्त पुलिसकर्मी को तैनात किया है। इनका काम सड़क पर गाड़ी खड़ी करने वाले सरकारी सेवक या फिर बाहरी लोगों को रोकना है। सचिवाल सूत्र ने बताया है कि सचिवालय परिसर में फायर सेफ्टी पाइप लगा रहें एजेंसी को काम रोक दिया है। वह सर्फेस से उपर यह पाइप लगा रहा था। पाइप को जमीन के अंदर लगाने को कहा है।
केके पाठक 2 जून से 30 जून तक छुट्टी पर थे। सीएम नीतीश ने IAS केके पाठक को शिक्षा विभाग से तब बाहर का रास्ता दिखाया, जब वह छुट्टी से वापस नहीं आना चाह रहे थे। 13 जून को बिहार सरकार ने छुट्टी पर गए शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक का तबादला कर दिया। केके पाठक को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी दी गई। केके पाठक को अगले आदेश तक बिपार्ड के महानिदेशक के अतिरिक्त प्रभार में भी रखा गया। इसके बाद शिक्षा विभाग के ACS का प्रभार मुख्यमंत्री के काफी करीबी IAS डॉ. एस सिद्धार्थ को सौंप दिया गया।