कोडरमा और गिरिडीह जिले की सीमा स्थित पंचखेरो डैम में हुए रविवार के हुए नाव हादसे में डूबे सभी 8 लोगों के शव मंगलवार को निकाले गए। एनडीआरएफ की टीम ने मंगलवार की सुबह दो बच्चों के शव निकाले। घटना के लगभग लगातार 40 घंटे तक चले ऑपरेशन में निकाला जा सका। इसके पहले सोमवार को 6 शव निकाल लिए गए थे। दोनों बच्चों में मृतक सीताराम यादव के पुत्र हर्षल कुमार उम्र 8 वर्ष व पुत्री साक्षमा उर्फ छोटी कुमारी उम्र 4 वर्ष है शामिल है।
एनडीआरएफ 9 टीम ने लगातार खोज जारी रखा
एनडीआरएफ 9 टीम के द्वारा बिना रुके बिना थके लगातार खोज जारी रखा गया जिसमे छह शव को सोमवार 2 बजे दिन तक निकाल लिया गया लेकिन उसके बाद से दोनो बच्चों का शव निकल नही सका था। सोमवार शाम को अभियान रूक दिया गया था और मंगलवार की सुबह चलाये गए अभियान में दोनों शव बरामद कर लिए गए। इसके पहले सीताराम यादव (40 वर्ष) और सेजल कुमारी(16वर्ष), पलक कुमारी(14 वर्ष), अमित कुमार सिंह (14 वर्ष), राहुल कुमार (16 वर्ष) और शिवम कुमार (17 वर्ष) के शव मिल चुके हैं।
नाव से सैर सपाटा कर रहे थे
ज्ञात हो कि गिरिडीह जिले के राजधनवार प्रखंड अंतर्गत खेतो गांव के लोग रविवार को पंचखेरो डैम में घूमने आए थे। नाव से सैर सपाटा कर रहे थे। इस दौरान नाव में पानी भर जाने से सभी लोग डूबने लगे। नाव डूबने के बाद घूमने आए नौ लोगों में सिर्फ एक प्रदीप सिंह ही तैर कर बाहर निकल पाये, बाकी सभी लोग डूब गए। वहीं नाविक भी बाहर निकलने के बाद फरार हो गया था।
नाव हादसे को लेकर थाना में दर्ज कराया मामला
मरकच्चो के पचखेरो डैम में हुए नाव हादसा को लेकर मरकच्चो थाना में मामला दर्ज कराया गया है। थाना में खेतो निवासी प्रदीप कुमार सिंह ने आवेदन में बताया है कि 17 जुलाई को 8:30 बजे सुबह घर पंचखेरो डैम घूमने निकले थे। 9 बजे कई लोगों के साथ पंचखेरो डैम घूमने आए थे। घुमने के क्रम में नाविक रोहित कुमार उम्र 16 वर्ष पिता नकुल राम साकिन गोरहंद थाना राजधनवार मिल गया और वह हम सभी को नाव पर घूमाने के लिए कहा।
नाविक की लापरवाही से ही सभी लोगो की मौत हुई
नाविक की बातों में आ कर घूमने के लिए नाव पर चढ़ गए। कुछ दूर जाने के बाद नाविक बोला थोड़ा नाव को बीच में ले जाते हैं कोई दिक्कत नहीं होगी। बीच में नाव पहुंचते ही नाव में पानी भरने लगा तो हमलोग बोले कि नाव को वापस निकाल लो लेकिन नाविक रोहित नाव को वहीं छोड़ कर भाग गया। इसी बीच नाव में पानी भर जाने से मेरे साथ सभी व्यक्ति डूबने लगे, मैं किसी तरह डैम में ही खड़े एक सूखे पेड़ को पकड़ कर सांस लिया। हल्ला होने पर मछुआरे द्वारा मुझे निकाला गया, बाकी सभी लोग डैम में डूब गए और उनकी मौत हो गई। उन्होंने आवेदन में यह भी कहा है कि नाविक की लापरवाही से ही सभी लोगो की मौत हुई है।