साहिबगंज के बड़हरवा टोल टेंडर मैनेज करने से जुड़े केस में 24 घंटे में क्लीन चिट देने के मामले की सीबीआई जांच का आग्रह करने वाली याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में आरोपियों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी। इसके खिलाफ साहेबगंज के शंभु भगत ने याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ED को पार्टी बनाए जाने की इजाजत दे दी है। प्रार्थी शंभु भगत की याचिका पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने ED को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगाने का आदेश दिया है। शंभु भगत की ओर से अधिवक्ता अभय मिश्रा ने बहस की। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब साहेबगंज कोर्ट इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगा, यानी अब इस केस का ट्रायल फिलहाल रूक जाएगा।
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मंत्री और पंकज मिश्रा पर मारपीट और धमकी का आरोप
बता दें कि वर्ष 2019 में साहेबगंज के शंभु भगत ने टोल नाके के टेंडर मामले को लेकर मंत्री आलमगीर आलम व CM के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर मारपीट और धमकी का आरोप लगाया था। जिसके बाद उन्होंने प्राथमिकी भी दर्ज करवाई थी। इस मामले की जांच में पुलिस ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। साथ ही आधे घंटे में 14 गवाहों का बयान लेकर पुलिस ने मामले में पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी। प्रार्थी की ओर से आरोप लगाया गया था कि मामले में जांच को प्रभावित करने के लिए इन दोनों को क्लीन चिट दी गई है, प्रार्थी ने इसकी सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया है। मामले को लेकर बरहरवा साहिबगंज थाना कांड संख्या 85/2020 दर्ज कराई गई थी.निचली अदालत ने भी मामले में ट्रायल पर रोक लगाई है।