RANCHI : HEC को बचाने के लिए वामदलों ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र सीपीआईएम, भाकपा माले, मासस, फॉरवर्ड ब्लॉक एवं आरएसपी की ओर से लिखा गया है। पत्र में वामदलों की ओर से अनुरोध किया गया है कि HEC को पूंजी और प्लांट के आधुनिकीकरण के अभाव में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि HEC के पास कार्यादेश का अभाव नहीं है।
उत्पादन बढ़ाने के लिए आर्थिक संकट के बावजूद एचईसी ने हाल ही में इसरो के लिए चंद्रयान-3 का लांचिंग पैड तैयार किया और इतना ही नहीं आदित्य आर-1 के प्रक्षेपण में भी योगदान किया है। एचईसी संकट की स्थिति में है। कई इस्पात कारखानों और रक्षा उपकरण बनाने वाली इकाइयों से काफी कार्यादेश मिलने के बावजूद प्लांट का आधुनिकीकरण नहीं होने, किसी भी बैंक का कोई बकाया न होने के बावजूद बेंक गारंटी बंद होने और कार्यशील पूंजी के अभाव में एचईसी कार्यादेश को पूरा करने में असमर्थ है।
एचईसी के मुद्दे पर सीएम के नेतृत्व में एक सर्वदलीय शिष्टमंडल को प्रधानमंत्री से मिलकर एचईसी का पुनरुध्दार किए जाने की मांग करनी चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री शहीद बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को झारखंड आ रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया कि उनकी अगुवाई में वामदलों के साथ मिलकर इस मामले में वार्ता की जायें।
पत्र में जिक्र किया गया है कि एचईसी के कारण अधिकारियों समेत श्रमिकों को 18 माह से वेतन नहीं मिला है। यहां कार्यरत श्रमिकों में 80 प्रतिशत झारखंड के लोग हैं। पत्र में जिक्र है कि मजदूर संगठन एचईसी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे मजदूरों द्वारा आइएनडीआइए गठबंधन के समर्थन से राजभवन कूच कर राज्यपाल को भी केंद्र सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया है।
गठबंधन में शामिल झारखंड के राजनीतिक दलों द्वारा श्रमिक संघों के साथ मिलकर दिल्ली में धरना भी दिया गया। उसी दिन संसद में भी विपक्ष ने एचईसी का मुद्दा उठाया है। लेकिन केंद्र सरकार एचईसी के पुनरुद्धार के प्रति उदासीन है। ऐसे में एचईसी को बचाने के लिए सीएम को आगे आने का आग्रह किया गया। पत्र सीपीआई के महेंद्र पाठक, सीपीआईएम प्रकाश विप्लव, मासस के हलधर महतो, फॉरवर्ड ब्लॉक के मोफिज साहिल की ओर से लिखा गया।