नालंदा के रहने वाले एयरफोर्स के फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल(32) के सुसाइड के बाद उनकी कैप्टन पत्नी रेनू तंवर(28) ने भी आत्महत्या कर ली है। दीनदयाल आगरा में पोस्टेड थे। पति का शव एयरफोर्स कैंपस में सरकारी आवास पर फंदे से लटका मिला था, जबकि पत्नी ने दिल्ली में आर्मी के गेस्ट हाउस में फांसी लगाई है। दोनों ने 2 साल पहले लव मैरिज की थी।
मंगलवार की सुबह फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल प्रसाद का आगरा के वायु सेना स्टेशन स्थित उनके आवास पर फांसी के फंदे से लटका हुआ शव पाया गया था। उनके आवास का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे तोड़कर शव को बाहर निकाला गया। दीनदयाल नालंदा जिले के मुरौरा गांव के रहने वाले थे।
मामले को लेकर अधिकारियों के अनुसार, अभी तक दीनदयाल प्रसाद का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। जबकि उनकी पत्नी के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। उसमें लिखा है कि उनके(दीनदयाल) साथ अंतिम संस्कार करना, मेरा हाथ उनके हाथ में रखना।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल ने सोमवार देर रात अपने सरकारी आवास में सुसाइड किया था। ACP सूरज कुमार राय ने बताया था कि मंगलवार दोपहर वायु सेना स्टेशन से एक अधिकारी के सुसाइड की सूचना मिली। लेफ्टिनेंट दीनदयाल रात में अपने आवास में सोने गए थे। मंगलवार सुबह देर तक नहीं उठे, तो स्टाफ ने दरवाजा तोड़कर देखा। उनका शव पंखे पर बेड शीट से लटका मिला। पूछताछ में साथियों ने बताया कि दीनदयाल सोमवार रात को खाना खाते समय खुश थे। साथियों से अच्छी तरह से बात की। इसके बाद गुड नाइट कहकर अपने आवास की तरफ निकल गए थे। वह घर पर अकेले थे।
जिस वक्त लेफ्टिनेंट दीनदयाल ने सुसाइड किया उस वक्त उनकी पत्नी साथ नहीं थीं। वह अपने भाई सुमित और मां कौशल्या के साथ 14 अक्टूबर को दिल्ली निकल गई थीं। वहां एम्स में उनको अपनी मां का इलाज कराना था। लेफ्टिनेंट के सुसाइड की खबर मंगलवार को पत्नी रेनू को दी गई। बुधवार की सुबह रेनू का शव ऑफिसर्स गेस्ट हाउस के कमरे में पंखे से लटका मिला। जिस समय उन्होंने सुसाइड किया, मां और भाई एम्स अस्पताल गए हुए थे।
बता दें कि दीनदयाल प्रसाद के पिता उदय प्रसाद सेना से सेवानिवृत्त हैं। दीनदयाल तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। उनके बड़े भाई आकाशदीप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। जबकि छोटे भाई विपुल कुमार मुंबई में एक इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। वहीं कैप्टन रेनू तंवर राजस्थान के झुंझुनू की रहने वाली थीं। पति के साथ शाहगंज के खेरिया मोड़ स्थित एयरफोर्स के सरकारी आवास में रहती थी।