RANCHI : दीपावली की रात कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मध्य रात्रि माँ काली का पूजन का परंपरा और विधान हिंदू सभ्यता के अनुसार होता है, जहां दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजन और आराधना की जाती है। वहीं, माँ काली का स्वरूप जो की समस्त बाधा विघ्न का नाश करने वाली होती हैं, इनकी पूजा की जाती है। यह पूजा घरों के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से पूजा पंडाल में भी सामूहिक रूप से होती है। इसी के तहत राजधानी रांची में विभिन्न जगहों पर पूजा पंडाल में काली पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में पूजा पंडाल का उद्घाटन और अवलोकन शहर के सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अग्रणी समाजसेवी रमेश सिंह के द्वारा विभिन्न पूजा पंडाल का किया गया। वहीं, विगत 1984 से करम टोली तूफान क्लब काली पूजा समिति के पूजा पंडाल में दिवाली के मध्य रात्रि पूरे विधि विधान के साथ मां मसान काली की पूजा विद्वानों के द्वारा सामूहिक रूप से किया गया। इस पूजन में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। पूजन के बाद बलि देने की भी परंपरा होती है। इख, भतूआ, श्रीफल, बली के रूप में माँ को अर्पित की गई। दिवाली के दूसरे दिन राजधानी रांची के माँ काली पूजा के आयोजन कर रहे कई पूजा पंडाल में महाआरती के साथ महाभोग का भी वितरण होना है।