बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी हो चुका है। बिहार सरकार की तरफ से सफल हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी चल रही है। वही शिक्षक भर्ती को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के सरंक्षक जीतन राम मांझी ने शिक्षक भर्ती को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मांझी शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही डोमिसाइल हटाए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। उन्होंने जांच के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीपीएससी को ख़त भी लिखा है। मांझी का दावा है कि उनके पास फर्जीवाड़े का सबूत है। आज प्रेस कांफ्रेंस कर मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला।
“रद्द हो नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम“
जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार के बच्चों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर विधानसभा में सवाल उठाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए, बिहार के लड़के बेरोजगार बैठे हैं और 50% से ज्यादा यूपी के लड़के बिहार में नौकरी पा रहे हैं। जीतनराम ने बिहार के युवाओं को इस मामले को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की अपील की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है इसके दस्तावेज मेरे पास हैं। यदि मेरे द्वारा पेश किए गए दस्तावेज गलत निकले तो मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगूंगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को रद्द कर देना चाहिए।
नीतीश पर मांझी का तंज
जीतन राम मांझी ने कहा कि मैंने सभी त्रुटियों को लेकर मुख्यमंत्री समेत बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल कुमार को 50 पन्नों का पत्र लिखा है लेकिन अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया है। मांझी ने गया जिले के फतेहपुर का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि वहां हमने एविडेंस के साथ मुख्यमंत्री को बताया है कि फतेहपुर मे हुए नियुक्ति में 80 प्रतिशत उत्तर प्रदेश के लोगो को नियुक्ति मिली है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ने वाले हैं और उत्तर प्रदेश के वोटरों को रिझाने के लिए वहां के लोगों को बिहार में नौकरियां दी जा रही है।