दावा किया कि तेजस्वी के सीएम बनने की लिप्सा को लेकर नीतीश को किया था आगाह
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवारको प्रेस कांफ्रेंस बताया कि मेरी मुलाकात जब सीएम नीतीश कुमार से हुई थी, तो मैंने उनसे कहा कि आपने तो कहा था कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर मैने मूर्खता की है। इसी बात को आगे बढाते हुए मैंने उनसे कहा कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे तो ये उससे भी बड़ी मूर्खता होगी। मांझी ने कहा कि यही बात नीतीश कुमार के जेहन में कहीं ना कहीं कौंध रही थी और नीतीश कुमार ने इसी बात को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से ललन सिंह का इस्तीफा ले लिया। वहीं जीतन राम मांझी ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार के 12 से 13 विधायक छोड़कर अधिकांश विधायक यही चाहते हैं कि नीतीश कुमार एनडीए के साथ आ जायें और मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार की सेवा करें। लेकिन देखना अब यह है कि आने वाले दिनों में क्या-क्या होता है। उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और सब कुछ संभव है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार कभी नहीं चाहते थे कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनें जबकि ललन सिंह की इच्छा थी कि जेडीयू के 12-13 विधायक को अपने गुट में लेकर, एक अलग गुट बनायें। विधानसभा में फिर अपनी सदस्यता बरकरार रखने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के सामने प्रस्ताव रखें और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना दें। इस बात को लेकर नीतीश कुमार सचेत हो गए थे। नीतीश कुमार ने ललन सिंह पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और अंततः मौका देखकर 29 दिसंबर को दिल्ली में बैठक रखी और ललन सिंह से इस्तीफा दिलवाकर खुद जेडीयू की कमान थाम ली। उक्त बातें जो मांझी के द्वारा कही गयी ,यदि इसमें सच्चाई है तो आगे बिहार की सियासत में फिर से कोई खलबली देखने को मिल सकती है। क्यूंकि ललन सिंह का राजद के साथ कई राउंड मीटिंग होना, फिर ललन सिंह का अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना और नीतीश का जदयू के अध्यक्ष पद पर काबिज़ हो जाना,वहीँ तेजस्वी का आगामी विदेश यात्रा रद्द करना और इधर कुछ दिनों से भाजपा का जदयू के प्रति या जदयू का भाजपा के प्रति रवैया नर्म होना, ये क्रोनोलॉजी इस बात का संकेत देती है कि अन्दर ही अन्दर कुछ न कुछ खिचड़ी पक रही है और यदि ऐसा है तो आगे कुछ न कुछ ब्रेकिंग हमें सुनने को मिल सकता है।