लालू यादव के बड़े लाल और बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल तेजप्रताप यादव के सिधायक के रूप में निर्वाचन के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की गई थी। जिसपर जज जस्टिस सुनील कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। सुनाई के दौरान याचिकाकर्ता से अपनी याचिका को वापस ले लिया। जिससे तेजप्रताप यादव की विधायकी पर मंडरा रहा खतरा समाप्त हो गया।
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याचिकाकर्ता ने वापस ली याचिका
दरअसल, पूरा मामला 2020 के विधानसभा चुनाव में विधायक के रूप में जीते तेजप्रताप यादव से जुड़ा है। तेजप्रताप यादव ने हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में जीत हासिल की था। याचिकाकर्ता विजय कुमार यादव ने तेजप्रताप यादव का निर्वाचन के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक याचिक दाखिल की थी। याचिका में तेजप्रताप यादव का निर्वाचन रद्द करने तथा हारे हुए जदयू उम्मीदवार को विजेता घोषित करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि तेजप्रताप यादव पर जानबूझकर नामांकन पत्र में अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। लेकिन आज याचिकाकर्ता सुनवाई के दौरान अपनी याचिका वापस ले ली। इस बारे में जानकारी देते हुए तेजप्रताप यादव के वकील जगन्नाथ सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधि एक्ट, 1951 की धारा 100 का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने तेजप्रताप यादव के निर्वाचन को अमान्य घोषित कराने के लिए याचिका दायर थी जिसे उन्होंने वापस ले लिया है।