एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव स्वास्थ्य व्यवस्था के कायाकल्प का दावा हैं, लेकिन दूसरी ओर ऐसी तस्वीर दिखती है जो सिस्टम पर सवाल खड़े करते हैं। रोहतास से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी। मामला रोहतास जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करगहर का है। वहां एक टीबी मरीज को गंभीर स्थिति होने पर अस्पताल में ठेले पर लाया गया। परिजनों ने बताया कि टॉल फ्री नंबर पर काफी देर तक फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिला। मरीज की हालत गंभीर हो रही थी, इसलिए उसे 3 किलोमीटर धक्का देकर ठेले पर लादकर लाना पड़ा।
फोन करने पर नहीं मिला एम्बुलेंस
परिजन ठेला लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो वहां भी अस्पताल परिसर में ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। मरीज की हालत इतनी खराब थी कि परिजन ठेला को सीधे अस्पताल में लेकर घुस गए। इसके बाद डॉक्टर मरीज का इलाज करने में जुटे। दरअसल करगहर प्रखंड क्षेत्र के डिभियां निवासी जोखन पासवान की अचानक से तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने कई बार एम्बुलेंस के लिए कॉल किया पर संपर्क नही हो पाया। मरीज की बिगड़ती तबीयत देख आनन फानन में परिजनों ने उसे एक ठेले पर लाद कर अस्पताल पहुंचे। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने मरीज को बेहतर इलाज के लिए सासाराम सदर अस्पताल रेफर कर दिया।