झारखंड प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल विधानसभा सभागार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के चेंबर में विधायक दल की बैठक में जिस तरह माहौल कांग्रेस विधायकों में देखने को मिला। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि फिर से कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बैठक में विधायकों ने जमकर हंगामा किया था। एक खेमे ने एक साथ अपनी आवाज उठाई।
समाज के वोट से ही गठबंधन की बनी है सरकार
जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि ढाई साल सरकार के हो चुके हैं। आलाकमान कहते हैं विकास झारखंड में हो रहा है, लेकिन अभी तक विकास हम लोग अपने अपने क्षेत्र में नहीं कर पाए हैं मंत्री जी कहते हैं पैसा नहीं है। जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने बैठक के दौरान कहा रांची हिंसा में जो मारे गए युवक उसके घर कोई सत्तारूढ़ दल के ना विधायक ना मंत्री पहुंचे आखिर क्यों। अल्पसंख्यक समाज के वोट से ही गठबंधन की सरकार बनी है और हम लोग ने अभी तक किसी भी प्रकार का उनके परिवार वालों को मदद नहीं पहुंचा पाए हैं। पुलिस ने उसे गोली मार दी जिससे मुदस्सिर की मौत हो गई थी। उनके परिवार वाले से जाकर मिले हमारे साथ उमाशंकर अकेला बंधु तिर्की मौजूद थे।
पर कांग्रेस में अनुशासनहीनता सदाचार का हिस्सा: प्रतुल शहदेव
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में जो अंतरकलह चल रहा है, वह कोई नई बात नहीं है। जब राजेश ठाकुर की प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो एक खेमे में काफी विरोध हुई थी और आरपीएन सिंह को एजेंट तक बता दिया था। आरपीएन सिंह को तमाम तरह की बातें कही थी। कांग्रेस विधायकों अभी बड़ा मतभेद द्रौपदी मुर्मू को लेकर समर्थन देने को लेकर विवाद है, क्योंकि आदिवासी समुदाय वॉच कर रहा है कि कांग्रेस एक आदिवासी बेटी को देश के सर्वोच्च पद पर बैठने देगी या रोड़ा अटकायेगी इसको लेकर भी इनके पार्टी में भी अंतरकलह चल रहा है।
अभी जिस तरह से दीपिका पांडे और इरफान अंसारी के पार्टी की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष के सामने बहस होती है और उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती है इस पर साफ है कि कांग्रेस ने मान लिया है कि पर कांग्रेस में अनुशासनहीनता सदाचार का हिस्सा हो गया है।
काम भी लोगों का होना चाहिए: राजेश ठाकुर
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर हुए इस विवाद पर बचाव करते नजर दिखे। उन्होंने कहा कि बैठक इसीलिए होती है कि विधायक अपने-अपने समस्या को रख सके। इसलिए विधायकों के साथ बैठक होती है और उनके क्षेत्र की समस्याओं को लगातार उठाते हैं। उसे नाराजगी के रूप में नहीं लिया जा सकता है। जरूर है कि सरकार हमारी है, तो काम भी लोगों का होना चाहिए और जो वायदे करके आए हैं सरकार बनाए हैं उसमें हम लोगों को संजीदा रहना चाहिए।