[Team Insider]: ISO प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था जुगाड़ के भरोसे चल रही है। हैरान करने वाली यह तस्वीर गोपालगंज सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की है। यहां बुधवार की सुबह अचानक से बिजली गूल हो गयी। करीब दो घंटे तक अंधेरे में अस्पताल डूबा रहा। लिहाजा इमरजेंसी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों का इलाज टॉर्च की रौशनी में किया गया।
इमरजेंसी वार्ड में बिजली नहीं
पहली तस्वीर काकड़कुंड गांव के रहने वाले टीबी के मरीज अनिल राम की है। बिमारी बढ़ने पर परिजन इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे थे, जहां बिजली नहीं थी। अंधेरे में मोबाइल की टॉच जलाकर इंजेक्शन दिया जा रहा है। जिस वार्ड में मरीज को भर्ती किया गया है, वहां छत से बारिश का पानी भी टपक रहा है। काफी परेशानियों के बीच इलाज चल रहा है।
अंधेरे में हीं लगाई गई ऑक्सीजन मास्क
दूसरी तस्वीर हसनपुर गांव की रहनेवाली बुधा देवी का है। सांस में दिक्कत होने पर परिवार के लोगों ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया, जहां अंधेरे में महिला का इलाज किया जा रहा। सांस लेने में दिक्कत हो रही इस महिला के चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क भी लगा है लेकिन बिजली की सप्लाई नहीं होने से ऑक्सीजन कंसटेटर मशीन को बंद कर सिलेंडर से ऑक्सीजन चढ़ाया जाने लगा। वहीं सरेया मोहल्ले की कनीज फातमा को हाथ टूटने के बाद इमरजेंसी वार्ड में लाया गया, जहां अंधेरे में ही मोबाइल का टॉच जलाकर इंजेक्शन दिया गया।
इनवर्टर अचानक खराब हो गया
मॉडल सदर अस्पताल में विशेष परिस्थिति के लिए इनवर्टर भी रखा गया है लेकिन वह भी महीनों से खराब पड़ा है। अब सवाल है कि सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था किसके भरोसे है। अब जरा इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की बात सुन लीजिए। इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर का कहना है कि अचानक ट्रक का तार आ जाने से बिजली का तार टूटकर गिर गया। उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी है। बिजली मिस्त्री आने के बाद चालू करा दिया जायेगा। डॉक्टर का ये भी कहना है कि इनवर्टर है लेकिन अचानक वह भी खराब हो गया है।
इमरजेंसी पावर लाइट सिस्टम खराब है
बताया जा रहा है बारिश होने की वजह से अस्पताल का इमरजेंसी पावर लाइट सिस्टम खराब है। बार-बार इसकी मरम्मत कराई जा रही है। बावजूद इसके ऐन वक्त पर कभी तार टूट जाता है तो कभी यह काम करना बंद कर दे रहा है। इससे मरीजों के साथ-साथ चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।