RANCHI/KHUNTI : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज महिला स्वयं सहायता समूह के सम्मेलन में भाग लेने खूंटी पहुंची। खूंटी में कार्यक्रम स्थल पर राष्ट्रपति का राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने स्वागत किया। उन्होंने एसएचजी की महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टाल का इंस्पेक्शन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के द्वारा लगाए गए स्टाल को देखा। उन्होंने उत्पादों के बारे में जानकारी ली। वहीं मोटे अनाजों यानी मिलेट्स, खरसावां के हल्दी के स्टाल, हथकरघा के स्टॉल, मेटल से बने उत्पादों के स्टॉल पर भी गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य को बने 22 साल हो गए। लेकिन राज्य का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया। राज्य बनने के बाद ज्यादातर सीएम भी आदिवासी ही रहे। इसलिए अब भी हाथ पर हाथ धरे रखना सही नहीं होगा। राज्य के विकास में केंद्र और राज्य सरकार मदद करेगी।
मील का पत्थर साबित होगा सम्मेलन
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन जनजातीय महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले समय में एचएचजी की महिलाओं के द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार मिलेगा। उन्होंने कहा कि देर से ही सही महिलाओं को खुशी मिली है। उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासियों की स्थिति दूसरे राज्यों के आदिवासियों से बेहतर है। कदम आगे बढ़ रहे है तो इसे जारी रखना है। साथ ही कहा कि सरकार की ओर से दी जाने वाली योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी जरूर रखे।
मेरे अंदर झारखंड का खून
उन्होंने कहा कि मैं भले ही ओड़िशा से हूं। लेकिन मेरे अंदर झारखंड का खून है। जोबा मांझी जिस घर में बहू बनकर गई थी उसी घर से मेरी दादी आई थी। इसलिए झारखंड से मेरा खून का रिश्ता है। राज्यपाल के तौर पर मैं यहां रह चुकी हूं। आज अतिथि बनकर यहां आई हूं। झारखंड से गहरा लगाव रहा है।
किसने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा – बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ के मूलमंत्र पर केंद्र सरकार काम कर रही है। खूंटी बिरसा मुंडा की धरती है। स्थानीय कानून की पहल बहुत पहले से शुरू हुई। सीएनटी एक्ट यहां की परिस्थितियों को देखते हुए लागू किया गया। वन अधिकार एक्ट के तहत स्थानीय लोगों को हमारी सरकार ने अधिकार दिया। बंधन विकास योजना में खूंटी के 254 गांवों में लागू किया गया है। इन गांवों को आदर्श गांव बनाया जा रहा है।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन – द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से पहली महिला राष्ट्रपति हैं, ये हम सबके लिए सम्मान की बात है। राष्ट्रपति की उपस्थिति यहां के लोगों को प्रेरणा दे रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासी प्रेरणा दिवस के रूप के मनाने का फैसला लिया। झारखंड की गवर्नर रहते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के साथ संवाद बनाए रखा। राष्ट्रपति जी महिलाओं और बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन – आदिवासियों की आय बढ़ाने की चिंता हम सबकी है। आदिवासी समुदाय अभी चुनौतियों से जूझ रहा है। झारखंड के खनिज संपदा से देश में रोशनी हो रही है। वन में रहनेवाले आदिवासी उपेक्षित हैं। कोरोना काल में हम जद्दोजहद करके बाहर से लोगों को लाए। आदिवासियों की मौजूदा स्थिति पर चिंता होती है। हमें विश्वास है,अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में केंद्र और ट्राइफेड कुछ काम करेगा। पलाश ब्रांड को झारखंड सरकार ने बनाया है। इससे उत्पादित सामान की मांग अच्छी है। अभी हम पलाश के सामान की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे। वन उपज में बिचौलिया सक्रिय है इसकी वजह से आदिवासी ठगे जाते हैं। उन्सहोंने सरना कोड और हो,मुंडारी भाषा को सविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह सारुता, विशेश्वर टूडू, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड सरकार की मंत्री जोबा मांझी, पूर्व सांसद कड़िया मुंडा समेत अन्य