बिहार के मुजफ्फरपुर का रेड लाइट एरिया कभी तबले की थाप घुंघरुओं की खनक के लिए मशहूर रहा है। इस इलाके का अलग इतिहास रहा है और जो अमिट है। लेकिन बदलते हालात में तबले की थाप और घुंघरुओं की खनक धीमी पड़ती गई। अब न महफिलों के कद्रदान इन गलियों में पहुंचते हैं और न ही यहां की नर्तकियों के पेट यहां से पल रहे हैं। लेकिन हालात कैसे भी हों, रास्ते बन ही जाते हैं। कुछ वक्त पहले तक जो रास्ता जिस्मफरोशी में धंस रहा था, आज इन रेड लाइट एरिया की महिलाओं ने नशे के व्यापार को अपना मुख्य काम बना लिया है।
7 लाख के अफीम के साथ धराई महिला
मुजफ्फरपुर में कानून-व्यवस्था इन दिनों पहले से ही सवालों के घेरे में है। वहां हुई ह’त्याओं ने पुलिस के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखीं हैं। तो दूसरी ओर रेड लाइट एरिया की महिलाओं की नशे के धंधे में एंट्री को पुलिस के हालात और मुश्किल भरे बना दिए हैं। दरअसल, इन महिलाओं का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी के लिए होने लगा है। ये ड्रग्स को शहर के बाहर भी ले जा रही हैं और शहर के बाहर से अंदर भी ला रही हैं। बीते 30 जुलाई को कांटी थाना की पुलिस ने एक पेट्रोल पंप पर खड़ी शुक्ला रोड की महिला को गिरफ्तार किया। उसके पास से 70 ग्राम अफीम मिली। जिसकी कीमत 7 लाख रुपए बताई जा रही है।
तीनकोठिया में पकड़ी गई थी बड़ी खेप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ माह पूर्व तीनकोठिया में ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इसमें पुलिस ने एक व्यक्ति को 101 पुड़िया स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार असलम खान ने भी पुलिस को बताया था कि उसके साथ कई रेड लाइट एरिया की महिलाएं जुड़ी हैं जो ड्रग्स की सप्लाई में शामिल हैं।