बिहार में फुटपाथ पर पर रहने वाले बच्चों का पुनर्वास किया जाएगा। इसके लिए बिहार सरकार वैसे बच्चों का सर्वे किया जाएगा। सर्वे के बाद पुनर्वास के लिए 13 विभाग जुट जाएगी। सभी की जिम्मेदारी तय हो चुकी है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्य योजना बनाई गई है। इस सर्वे से सड़क पर रहने वाले बच्चों को कई फायदे मिलने वाले है। सबसे पहले तो उन्हें बुनियादी सुविधा मिल जाएगी। सड़क पर जीवन यापन करने वाले बच्चों को रहने के लिए सुविधाएं मिलने लगेगी।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योजना तैयार
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार में राज्य सरकार ने बड़ी योजना तैयार की है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण की ओर से योजना तैयार कर ली गई है। इस योजना में उन बच्चों को शामिल किया गया है, जो सड़कों पर बिना किसी सुरक्षा के रहते हैं। इस योजना में सड़कों पर रहने वाले तीन तरह के बच्चे है. पहले वह है, जो बिना किसी सहायता के सड़क पर अपना जीवन बिताते है। दूसरे वह है, जो दिन पर सड़क पर रहते है और रात में अपने परिवार के साथ रहते है। वहीं, तीसरे वह बच्चे है, जो अपने माता-पिता के साथ सड़कों पर रहते है।
राज्य के हर जिले में होगा सर्वे
सरकार की ओर से राज्य के हर जिले में यह सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस पूरे मामले में बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि हम फुटपाथी बच्चों के पुनर्वास के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे है। इसके लिए समेकित योजना बनायी गयी है और उसपर हमने काम भी शुरु कर दिया है।