RANCHI: 10 जून से राज्य के बालू घाटों से बालू की निकासी पर रोक लग गई है। यह रोक 15 अक्टूबर तक जारी रहेगी। यानी इस दौरान राज्य के किसी भी घाट पर बालू की निकासी नहीं हो सकती है। निकासी करने पर खान विभाग की ओर से कार्यवाही की जाएगी। इधर राज्य में अब तक बालू घाटों का टेंडर पूरा नहीं हो सका है । 9 जून तक राज्य के 9 जिलों के करीब 40 बालू घाटों से बालू की निकासी की गई। जेएसएमडीसी के एमडी अमित कुमार ने बताया कि निगम के पास 50 सीएफटी बालू है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दोगुना से अधिक बालू का स्टॉक है। पिछले वर्ष 20लाख सीएफटी बालू का स्टॉक था। उन्होंने कहा कि आम लोग बालू की बुकिंग जेएसएमडीसी के पोर्टल से करा कर बालू ले सकते हैं।
जिलों में भी है स्टॉक
बताया गया कि सभी जिलों में स्टॉक लाइसेंस दिया गया है।स्टॉकिस्ट को वैध बालू घाटों से बालू मंगवा कर स्टॉक करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि जिलों में अभी कितना स्टाक है, यह आंकड़ा जेएसएमडीसी के पास नहीं है। एमडी ने कहा कि सभी डीएमओ से आंकड़ा मांगा गया है। एक-दो दिनों में यह भी उपलब्ध हो जाएगा। उम्मीद जताई गई है कि इस बार बालू की कमी नहीं होगी।
अब टेंडर होगा जारी
बताया गया कि रांची जिले के बालू घाटों के लिए डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट की मंजूरी मिल गई है। रांची जिला खनन कार्यालय द्वारा बालू घाटों में एमडीओ चयन के लिए वित्तीय निविदा जारी की जाएगी। बताया गया कि मॉनसून समाप्त होने तक रांची के बालू घाटों के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। मॉनसून समाप्त होते ही रांची के घाटों से भी बालों की निकासी होने लगेगी। अभी रांची में वैध रूप से खूंटी, गुमला, सिमडेगा, रामगढ़ से बालू की उपलब्धता होती है।