जदयू अध्यक्ष बनते ही नीतीश कुमार एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने पार्टी के विगत अध्यक्ष लालन सिंह का स्थान लेते हुए अध्यक्ष पद सम्भाला है। शुक्रवार को अध्यक्ष बने और शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग बुला ली। जदयू बिहार के अलावे यूपी, पंजाब, झारखंड , एमपी, लक्षद्वीप आदि क्षेत्रों से जदयू के पार्टी प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ उन्होंने राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में अध्यक्ष पद स्वीकार करते ही सर्वप्रथम पार्टी और संगठन को मजबूत करने केलिए विभिन्न राज्यों के नेताओं से विचार विमर्श करने का निर्णय लिया। सबसे पहले नीतीश आज शनिवार को यूपी के जदयू नेताओं से मीटिंग कर वहां के हालात का जायजा लेंगे और पार्टी को मज़बूत करने एवं आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों केलिए रणनीति तैयार करेंगे। मीटिंग में यूपी के पार्टी प्रभारी श्रवन कुमार,यूपी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र पटेल और यूपी जदयू के ही वरिष्ठ नेता अनूप पटेल शामिल होंगे। इसके बाद झारखंड का नंबर आयेगा। ऐसे ही करके नीतीश देश भर के जदयू पार्टी के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करेंगे। इससे पूर्व राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में नीतीश कुमार ने निर्णय लिया कि जातिगत गणना को देश भर में घूम कर वे इसका प्रचार करेंगे और सभी नागरिकों को जागरूक करने का काम करेंगे। एक तो जनता को इससे रूबरू करने का भी काम हो जाएगा, साथ ही पार्टी का क्रेज पूरे देश में बढ़ेगा, जिसका सीधा प्रभाव लोकसभा चुनाव पर भी पडेगा। इसका श्री गणेश झारखंड के रामगढ़ से होना तय हुआ है।
जातिगत गणना के बाद नीतीश का कद पूरे देश भर में काफी बढ़ा है और नीतीश को अब देश भर में एक विशिष्ट पहचान मिली है। बताते चलें कि शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में ललन सिंह ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा करते हुए नीतीश को इस पद पर आसीन होने का आग्रह किया था। नीतीश ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए अध्यक्ष पद का भार औपचारिक रूप से अब सम्भाल भी लिया है। अध्यक्ष पद ग्रहण करते ही नीतीश एक्शन मोड में आ गए और पार्टी के देशव्यापी अलग-अलग हिस्सों में इसकी मौजूदगी को मजबूत करने में लग गए हैं ।