बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों का महाजुटान 23 जून को फिक्स हो चुका है। बैठक में शामिल होने के लिए कौन कौन आ रहा है, इसकी सूची अंतिम रूप से तो नहीं लेकिन प्रोविजनल तौर पर तैयार है। जैसे जैसे बैठक की डेट नजदीक आएगी, इसमें शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट भी फाइनल होते जाएगी। लेकिन इस बैठक के आयोजक नीतीश कुमार के लिए अभी एक और चुनौती सामने आ गई है। इस बैठक का आयोजन कर Nitish Kumar विपक्षी एकता का चेहरा बनने का प्रयास कर रहे हें। लेकिन अभी वे बिहार के सीएम हैं और बतौर सीएम उनके पास एक बड़ी चुनौती विपक्ष के संभावित महाजुटान के पहले ही आ रही है।
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गृह मंत्रालय की बैठक पटना में!
दरअसल, चर्चा है कि गृह मंत्रालय के पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक पटना में होगी। यह बैठक 17 जून को होनी है। इसमें पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में शामिल सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार के साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल भी शामिल है। चूंकि बिहार में नीतीश कुमार ने अपने पास ही गृह विभाग रखा है। इसलिए उनका बैठक में शामिल होना आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन पहले की बैठकें गवाह हैं कि वे केंद्र की हर बैठक से किनारा कर रहे हैं। ऐसे में इस बैठक में वे शामिल होंगे, इस पर शक भी है।
चुनौती इसलिए क्योंकि अमित शाह हो सकते हैं शामिल
नीतीश कुमार के लिए गृह मंत्रालय के पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होना चुनौती इसलिए है क्योंकि एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार केंद्र की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे। यही बैठक कुछ माह पूर्व कोलकाता में हुई थी। उसमें भी नीतीश कुमार को ही जाना था। लेकिन नीतीश कुमार ने अपनी ओर से इस बैठक में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भेज दिया था। इसके अलावा नीतीश कुमार ने दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। जबकि विपक्षी दलों की एकता बनाने के लिए नीतीश कुमार ने दिल्ली और कोलकाता दोनों शहरों का दौरा पिछले माह ही किया।
चूंकि नीतीश कुमार बिहार से बाहर हो रहे केंद्र की बैठकों से किनारा कर रहे हैं तो यह बैठक पटना में ही है। इसके अलावा बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए नीतीश कुमार के लिए इस बैठक में शामिल होना और किनारा करना, दोनों ही चुनौती हो सकती है।