बिहार में नीतीश कुमार पिछले 18 सालों से सत्ता में हैं। बीच में कुछ महीनों को छोड़ दें तो इस पूरी अवधि में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहे हैं। अपने कार्यकाल का अधिकतर वक्त नीतीश कुमार के उन भाषणों से भरा पड़ा है जिसमें वे अपनी तुलना अपने से पहले के मुख्यमंत्रियों से करते रहे हैं। कभी वे नाम लेकर हमलावर रहे तो कभी पति-पत्नी की सरकार कह कर। उनका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राबड़ी देवी की ओर होता था। लेकिन वक्त का पहिया ऐसे घूमा कि आज फिर नीतीश कुमार उसी लालू-राबड़ी की पार्टी राजद के साथ सत्ता में हैं। लालू और नीतीश की पहचान भले ही अलग अलग हो, लेकिन कई समानताएं भी हैं। लेकिन समानताओं के साथ लालू-नीतीश में कई अंतर भी हैं। समानताएं तो हम सभी जानते हैं कि दोनों सीएम रहने के साथ विधायक, सांसद, रेल मंत्री रहे हैं। लेकिन दोनों में क्या भिन्नता है ये इन दोनों के करीबी रहे प्रशांत किशोर बता रहे हैं।
CM नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक आज, कई एजेंडों पर लग सकती है मुहर
अब आप सोच रहे होंगे कि प्रशांत किशोर तो नीतीश कुमार के ही करीबी थे। लेकिन यह भी उतना ही बड़ा सच है कि प्रशांत किशोर सिर्फ नीतीश कुमार के ही नहीं लालू यादव के भी करीबी थे। 2015 में नीतीश कुमार और लालू यादव का गठबंधन करवाने के बाद भाजपा को चुनाव हरवा देने में प्रशांत किशोर की भूमिका महत्वपूर्ण थी। तब चुनाव में जीत के बाद लालू यादव ने प्रशांत किशोर को ऐसे गले लगाया जैसे, दोनों बिछड़े भाई हों। अब प्रशांत किशोर तो अलग हैं लेकिन लालू-नीतीश फिर एक हो गए हैं। प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश के बीच के बारीक अंतर को बता रहे हैं।
नीतीश कुमार पर हमलावर प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं मगर आज उनकी हालत अंधों में काना राजा की है। नीतीश कुमार बिहार में एकमात्र पढ़े लिखे व्यक्ति हैं, इस बात का भ्रम उनको हो गया है। भ्रम ये भी है कि मैं ही सब जानता हूं, मुझे ही सब मालूम है। नीतीश कुमार आज अपने इर्दगिर्द सब बेवकूफ लोगों को बैठाए हुए हैं। आज बिहार में ऐसा नेता है जिसको नाम लिखना नहीं आता है और वहीं नीतीश कुमार को नाम लिखना आता है तो लोगों को लगता है वो बहुत बड़े विद्वान आदमी हैं। वहीं लालू यादव का बिना नाम लिए उनके गवंई अंदाज पर कमेंट करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में नेता ऐसा ही बनता आया है जो शर्ट के ऊपर गंजी पहनता हो और अपने को जमीनी नेता कहलवाने का दावा करता हो। आज नीतीश कुमार गंजी के ऊपर शर्ट पहन रहे हैं तो सबको लग रहा है कि वो विद्वान आदमी हैं।
प्रशांत ने आगे कहा है कि नीतीश कुमार पढ़े-लिखे व्यक्ति हो सकते हैं मगर वो बिहार के एकमात्र पढ़े लिखे व्यक्ति नहीं हैं। आज नीतीश कुमार से ज्यादा पढ़ा लिखा और समझदार लोग हजारों की संख्या में बिहार में है। आज बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है और नीतीश कुमार का अहंकार है सबसे बड़ा। देश में बिहार सबसे फिसड्डी है और बात ऐसे करते हैं जैसे सबकुछ उन्होंने ही कर दिया है। आज RJD का कोई एमपी नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री से नीचे बात ही नहीं करते हैं। आज भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा वो ये तय कर रहे हैं। देश में बिहार सबसे गरीब और फिसड्डी है और नीतीश कुमार बात ऐसे करेंगे जैसे उन्होंने बिहार को अमेरिका बना दिया है।