नीतीश कुमार ने कल खुले मंच से भाजपा नेताओं से अपनी दोस्ती का जिक्र किया। जिसपर अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई रही है। राजद और कांग्रेस के नेताओं को जहाँ ये बात चुभ रही है वहीं भाजपा भी व्यंगात्मक रूख अपनाए हुए हैं। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी आज अपनी प्रातक्रिया दी है। उन्होंने नीतीश कुमार के भाजपा नेताओं से दोस्ती की बात को नीतीश कुमार की कुटिलता करार दिया है। उन्होंने व्यंगात्मक अंदाज में कहा है कि नीतीश कुमार ‘मैं मायके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो’ कहकर लालू को डराते रहते हैं।
“लालू को डराते हैं नीतीश”
दरअसल, महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि भाजपा नेताओं से उनकी दोस्ती तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक वे जिंदा हैं। जिसपर गिरिराज सिंह ने कहा कि ये नीतीश कुमार का भाजपा के प्रति प्रेम नहीं झलक रहा है,बल्कि छक्का-पंजा की लड़ाई चल रही है। जब-जब लालू यादव, नीतीश पर लगाम कसते हैं तब-तब नीतीश कुमार ‘मैं मायके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो’ कहकर लालू को डराते हैं। अटलजी को मरे हुए कितने साल हुए, लेकिन अब जाकर नीतीश कुमार उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि देने गए। इसी तरह लालू यादव को डराने के लिए इस साल उन्हें दीनदयाल उपाध्याय याद आए।
“नीतीश को धक्का देकर तेजस्वी को CM बनाए“
गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के पास अब कुछ भी नहीं बचा है। भाजपा का दरवाजा और खिड़की दोनों उनके लिए बंद है। लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे को लेकर लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा है। वही लालू यादव को ये भी चिंता है कि उनका बीटा मुख्यमंत्री बनते बनते ना रहे जाए। यही कारण है नीतीश कुमार उन्हें भाजपा के साथ जाने की बात बोल कर कर लालू यादव को डराते रहते हैं। गिरिराज सिंह ने लालू यादव को सलाह देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को धक्का देकर बाहर कीजिए और अपने बेटे को गद्दी पर बैठाइए। नहीं तो नीतीश गद्दी देने वाले नहीं हैं। क्योंकि वे अंग्रेजों के जमाने के सत्ता परस्त हैं।