RANCHI : मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार और अमानवीय घटना को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर के निर्देश पर आज राज्य के सभी प्रमंडलों में महिला सांसद, विधायक और नेत्री के द्वारा संवाददाता सम्मेलन आहूत की गई। इसी कड़ी में झारखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, रांची में विधायक दीपिका पांडे सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि हर महिला का सम्मान बराबर हो। लेकिन जब वो महिला किसी भारतीय सेना के उस जवान की पत्नी के साथ हो, जिसने कारगिल की रक्षा की हो, जिसने श्रीलंका में जाकर भारत का मान बढ़ाया हो तो उस महिला के प्रति अगर हृदय में भाव है और उसकी एक लाईन जो मुझे चुभ गई, पीड़ा दे गई। उसने लिखा कि मैंने कारगिल तो बचा लिया, पर अपनी पत्नी, अपने बच्चे, अपना गांव नहीं बचा पाया, ये बात बहुत दूर तक छूती है। जिसके मन में जरा भी महिलाओं के लिए सम्मान होगा, जो कुछ मणिपुर में हुआ है, उससे वीभत्स कुछ नहीं हो सकता। पूरे देश का सर झुकाने वाला है और पूर्वाेत्तर जल रहा है।
मणिपुर के लिए समय नहीं
हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी 7 देशों का दौरा मेरी जानकारी में कर आये लेकिन प्रधानमंत्री जी मणिपुर के लिए समय नहीं निकाल पाए। या उनको ऐसा लगता होगा कि मणिपुर में घट रही घटनाएं इतनी महत्वपूर्ण नहीं है। एक बात याद आती है कि जब रोम जल रहा था, तो नीरो बांसुरी बजा रहा था। विदेशों में प्रधानमंत्री जी भाषण बड़ी-बड़ी देते हैं पर मणिपुर के लिए दो शब्द नहीं थे उनके पास। जब सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया तब प्रधानमंत्री जी बेबसी में मीडिया से मुखातिब हुए। मणिपुर पर कम राजस्थान और छतीसगढ़ पर भाषण देकर इस तरह की घटना पर भी राजनीतिकरण करने का काम किया। कम से कम अपील ही कर लेते शान्ति स्थापित होना चाहिए। हमें गर्व है अपने नेता राहुल गांधी पर। तमाम व्यवधान के बीच वो गए और उनको हर समुदाय ने गले से लगाया। उन्हें रोकने की कोशिश सरकार की ओर से हुई किन्तु न वो रूके ना वो झुके और ना डरे। प्रश्न यह उठता है कि उनकी गुप्त एजेंसियां क्या कर रही थी।
स्मृति ईरानी से मांगा इस्तीफा
विपक्ष के विधायकों को डराने के लिए भाजपा में सम्मिलित कराने के लिए जो तत्परता दिखाती है वो तत्परता मणिपुर में कहां चली गई। जबकि महिला आयोग, मणिपुर की राज्यपाल तक चिंता व्यक्त कर चुकी लेकिन मणिपुर की हिंसा नहीं रूकी। दुख इस बात का भी है मणिपुर में शांति स्थापित करने की बजाय मणिपुर के मुख्यमंत्री यह कहते है कि ऐसी घटना सैकडों की संख्या में होती है। यह बयान नैतिक पतन की पराकष्ठा है। यह बात बिल्कुल साफ हो गई कि भाजपा में महिलाओं का सम्मान नहीं है। यूपीए सरकार में थोड़े से पेट्रोल और गैस की कीमत बढ़ने पर गैस का सिलेडंर माथे पर रखकर सड़कों पर आंदोलन करने वाली महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी खामोश क्यों हैं। क्या उन्हें भी बोलने का आदेश नहीं जो स्वंय एक महिला हैं। अगर आप महिला होकर भी एक महिला पर इस तरह की घटना की निंदा नहीं कर सकती तो लानत है आपको। आपको अविलंब इस्तीफा देना चाहिए।
मणिपुर की घटना से जोड़ना गलत
हर प्रदेश में महिलाओं के साथ सेक्सुअल हरासमेंट होना एक अलग मुद्दा है। लेकिन उसको मणिपुर के मुद्दे के साथ जोड़ना, मणिपुर के उस वीडियो के साथ जोड़ना बिल्कुल गलत है। हर प्रदेश में, हर जगह पर, जहां पर महिलाओं के साथ अगर इस तरह का दुर्व्यवहार होता है, तो कॉंग्रेस उनके साथ खड़ी है। लेकिन दुर्भाग्य है कि बोलना था देश के प्रधानमंत्री को मणिपुर पे लेकिन बात कर रहे थे राजस्थान और छतीसगढ़ की। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आसाम, दिल्ली की भी बात कर लिया करते हुजूर। लानत है आपकी ऐसी राजनीति पे। आपने एक भी शब्द महिला पहलवानों के लिए बोला था? आपका सांसद बेल लेकर हंस रहा है। मीडिया की बहनों के साथ बदतमीजी कर रहा है। देश को मेडल दिलाने वाली बेटियां उनकी हंसी पर अपने-आप को बेबस महसूस कर रही है और पूरी भाजपा पार्टी उस सांसद के समर्थन में खड़ी होती है। लेकिन एक बात यह भी तय है कि सत्ता के अहंकार में कौरवों ने भी द्रौपदी का अपमान किया था और उसका परिणाम आज हम सब जानते हैं कि पूरा कौरव वंश का विनाश हो गया।