छपरा सदर अस्पताल स्थित पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान ओपीडी सेवा बाधित कर दी गई। जिसकी वजह से दर्जनों मरीजों को वापस लौटना पड़ा। वहीं छात्र-छात्राओं का आरोप है कि 2022-2024 सेशन में नामांकन लिया है जिसके बाद से ना कोई शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई,ना अभी तक उनका ना तो कोई एग्जाम हुआ है ना ही किसी विषय पर प्रैक्टिकल कराया गया है।
STET कॉमर्स का रिजल्ट जारी करने को लेकर छात्रों ने BSEB का किया घेराव, जमकर की नारेबाजी
पिछले 2 साल में ना एग्जाम हुआ है, ना ही प्रैक्टिकल
छपरा सदर अस्पताल स्थित पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने जमकर प्रदर्शन किया, इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि उस दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा अपने कार्यालय के लिए पहुंचे, लेकिन उनके द्वारा प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं के खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
जिससे प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए और ओपीडी के बाहर तालाबंदी करते हुए दवा वितरण केंद्र एवं रजिस्ट्रेशन काउंटर को भी बंद करा दिया। जिसके कारण ओपीडी सेवा बाधित हो गई और हो हंगामे के बीच दर्जनों मरीजों को वापस लौटना पड़ा। वहीं पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि उनके द्वारा छपरा सदर अस्पताल स्थित पारा मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2021-24 सेशन में नामांकन लिया गया है। लेकिन पिछले 2 वर्ष में कॉलेज में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई, और ना ही अभी तक उनका कोई एग्जाम हुआ है, ना ही किसी विषय पर प्रैक्टिकल कराया गया है। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन के प्रयास से कुछ चिकित्सकों के द्वारा उनका थ्योरी क्लास हो पाता है लेकिन इस पढ़ाई से वे कैसे पास करेंगे और कैसे कार्य करेंगे। उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है.
120 छात्र-छात्राओं का है नामांकन
छपरा पारा मेडिकल कॉलेज में कुल 120 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। जिसमें फिजियोथेरेपी, ड्रेसर, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, प्रोस्थेटिक एंड ऑर्थेटिक्स शामिल है। अभी तक सभी विषयों के लिए ना तो किसी शिक्षक की नियुक्ति की गई है और ना ही उनके प्रैक्टिकल की व्यवस्था की गई है,जिससे उन छात्रों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।