भारत नेपाल सीमा से सटे दिघलबैंक प्रखंड में हाथियों का तांडव लगातार जारी है। यहां बीते तीन महीनों से ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे है। वन विभाग के द्वारा हाथियों को भागने के लिए एनिडर्स यंत्र भी लगाया गया, लेकिन हाथियों ने रास्ता बदल लिया। रविवार को सुबह-सुबह चार हाथियों का झुंड नेपाल के पिंढ़ालबाड़ी गांव से होकर डोरिया धनतोला गांव में प्रवेश करते देखे जाने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। वही मक्के के खेत में एक हाथी मृत पाया गया।
सरकार स्थाई समाधान करे
ग्रामीणों के अनुसार पंद्रह दिनों से 14 हाथियों का झुंड हाई स्कूल धनतोला के खेल मैदान से ढाई सौ से तीन सौ मीटर की दूरी पर डेरा डाले हुए है। अक्सर झुंड से अलग होकर खेतों में विचरण करते हुए उत्पात मचाता है। गौरतलब हो की इस साल हाथी के हमले से दो लोगों की जान अभी तक चली गई है। मुखिया लखी राम हंसदा ने बताया कि वन विभाग द्वारा धनतोला स्थित मनरेगा भवन में अस्थाई कैंप बनाया गया है, लेकिन कैंप में कर्मी मौजूद नहीं रहते। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार इस समस्या का स्थाई समाधान करे, ताकि जान-माल को बचाया जा सके। मृत हाथी के मामले में वन विभाग के अधिकारी उमाशंकर दुबे ने कहा कि हाथी कई दिनों से बीमार था, जिससे उसकी मौत हुई है।